कमेटी मैम्बरों से बोले कि सबसे सुझाव लेकर टाटा स्टील प्रबंधन को भेजेंगे

चरणजीत सिंह.

टाटा स्टील की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन की मंगलवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में कमेटी मीटिंग हुई। इसका विषय यूनियन के आय व्यय को पारित कराना था और यह हुआ भी। यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी उर्फ टुन्नू को भान है कि वेज रिवीजन पर कारखाना के भीतर सुगबुगाहट बढ़ रही है। यूनियन की ओर से प्रयास भी शुरू नहीं करने से कमेटी मैम्बरों में भी नाराजगी का भाव बढ़ रहा है।

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यही वजह रही है कि कमेटी मीटिंग का एजेंडा नहीं होने के बावजूद वे इस मसले पर बोले। उन्होंने कहा कि नियम से वेज रिवीजन के लंबित होने की तिथि से छह महीने पहले टाटा स्टील प्रबंधन को चार्टर ऑफ डिमांड भेज देना चाहिए था। यह नहीं हो सका है। जल्द ही इस मसले पर सबसे सुझाव लेकर टाटा स्टील प्रबंधन को मांग पत्र भेजा जायेगा। उनका साफ इशारा था कि वेज का चार्टर ऑफ डिमांड तैयार करने के लिए जल्द कमेटी मीटिंग फिर बुलाई जायेगी।

टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय में कमेटी मीटिंग करते अधिकारी

बहरहाल, टाटा स्टील में जनवरी 2025 से वेज रिवीजन लंबित हो जायेगा। इसमें जितना विलंब होगा, कर्मचारियों को उतना नुकसान होगा। कर्मचारियों को बाकी सारी चीजों का एरियर मिल जायेगा। एलाउंस का एरियर नहीं मिलेगा। मजेदार तथ्य यह है कि इसके बारे में टाटा स्टील के कर्मचारियों को टुन्नू चौधरी, उपाध्यक्ष संजय सिंह और अजय चौधरी ने ही सबसे ज्यादा जागरूक किया है। आर रवि प्रसाद टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष थे, तो वेज रिवीजन में देरी हो रही थी।

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उस वक्त टुन्नू और उनकी टीम कर्मचारियों को यही बताती रही है कि एलाउंस के एरियर में भारी नुकसान हो जायेगा। आर रवि प्रसाद के बाद टुन्नू चौधरी यूनियन अध्यक्ष चुने गए। संजय सिंह और अजय चौधरी को भी यूनियन कार्यालय में वातानुकूलित कक्ष मिल गया। अब वही लोग खुद के द्वारा वेज रिवीजन को लेकर कर्मचारियों के बीच रखे गए पक्ष को शायद भूल गए हैं। ऐसा नहीं होता तो बीते जून माह में इस मसले पर कमेटी मीटिंग बुला कर चार्टर ऑफ डिमांड तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई होती। जुलाई तक टाटा स्टील प्रबंधन को वेज पर वार्ता के लिए चार्टर ऑफ डिमांड चला गया होता। खैर देर से सही, यूनियन नेतृत्व ने वेज रिवीजन पर सोचना शुरू कर दिया है। दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ जैसे त्योहार आने हैं। ऐसे में तय है कि वेज रिवीजन पर प्रबंधन के साथ पहली वार्ता में अभी बहुत देर है।

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यूनियन कर्मचारियों के पीएफ को नियम संगत करना होगा

टाटा वर्कर्स यूनियन के तकरीबन तीन दर्जन कर्मचारी हैं। उनके पीएफ की कटौती भी होती है। वह राशि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में जमा नहीं होती। यूनियन के ही खाता में वह राशि आती है। रिटायर होने पर यूनियन ही अपने कर्मचारियों को पीएफ की जमा राशि देता है। नुकसान यह है कि रिटायर होने के बाद यूनियन कर्मचारियों को पेंशन समेत इपीएफओ विभाग से और सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पाती। कमेटी मैम्बर ओम प्रकाश शर्मा ने पीएफ अकाउंट के ब्याज से जुड़ा मसला उठाया। इसी चर्चा में यूनियन महामंत्री सिंह ने साफ किया कि पीएफ कटौती का काम नियम के मुताबिक नहीं होता रहा है। जल्द ही इसे ठीक कर लिया जायेगा।

अफवाह फैलाने में नहीं बनें भागीदार

कुछ दिन पहले अचानक ब्लैक आउट हुआ था. टाटा स्टील कारखाना की भी बिजली गुल हो गई थी. कारखाना के भीतर आग लगने का तस्वीर और वीडियो भी वायरल हुआ था. कमेटी मीटिंग के दौरान टुन्नू ने यह मसला याद दिलाया. बोले, कि कोक प्लांट में प्रक्रिया के तहत गैस जलाई गई थी. जबकि अफवाह आग लगने की फैल गई. उसका फोटो, वीडियो कारखाना से ही बाहर आया था. ऐसी अफवाह फैलाने से बचना चाहिए.

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