कमेटी मीटिंग में पारित हो गया प्रस्ताव, गैर कर्मचारी का को ऑप्शन अस्वीकार्य

सब मुस्कुराए जब टुन्नू ने सतीश को बताया यूनियन का डॉ भीम राव अंबेडकर

बिना हीला हवाला के कमेटी मेंबरों ने पारित किया बदलाव का प्रस्ताव

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान में संशोधन की गाड़ी एक कदम और आगे बढ़ गई. संविधान संशोधन के मसले पर एक सप्ताह के भीतर मंगलवार (2 दिसंबर) को हुई तीसरी कमेटी मीटिंग में बिना हिला हवाला के संविधान संशोधन के प्रस्ताव पारित हो गए. ऑफिस बेयरर्स हो या कमेटी मेंबर, सबने हाथ उठा कर सभी प्रस्ताव को पारित कर दिया. अब यूनियन की आमसभा आयोजित की जानी है जिसमें सभी सदस्यों की भागीदारी होगी.

टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के कर्मचारी ही यूनियन के सदस्य हैं. उनकी सहमति मिलने के बाद संविधान संशोधन के मसले पर यूनियन की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद श्रम और नियोजन विभाग इस कार्यवाही की समूची प्रक्रिया का अध्ययन करेगा. श्रम विभाग के दस्तखत के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन का नया संविधान प्रभावी हो जाएगा.

मंगलवार को कमेटी मीटिंग शुरू हुई तो यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी उर्फ टुन्नू ने सबका स्वागत किया. फिर मजाकिया अंदाज में बोले कि महामंत्री सतीश कुमार सिंह टाटा वर्कर्स यूनियन के डॉ भीम राव अंबेडकर हैं. आगे की कार्यवाही वही संभालेंगे. तत्पश्चात सतीश सिंह ने प्रस्तावित संशोधनों को पढ़ कर सुनाया. अनुरोध किया कि हाथ उठा कर समर्थन करे. सबने हाथ उठाया और हाउस की मुहर लग गई.

::: यह संशोधन मंजूर :::

टाटा वर्कर्स यूनियन में अभी 214 कमेटी मेंबर्स है. नई व्यवस्था में यह संख्या घटा कर 160 करने का प्रस्ताव है. कुल 54 कमेटी मेंबर कम होंगे. हालांकि अगले हर चुनाव में 50 कर्मचारियों की संख्या के आधार पर कमेटी मेंबर की सीट का निर्धारण होगा. आशय यह कि अगले चुनाव में 9 हजार कर्मचारी होंगे तो 180 सीट बनेगी. कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर समझौते के तहत कर्मचारी घटते हुए 8275 हो जाएंगे. तब 160 सीट पर चुनाव होगा.

ऑफिस बेयरर के चुनाव में 4 प्रस्तावक और 4 अनुमोदक की जरूरत होगी. कमेटी मेंबर के लिए यह संख्या तीन/तीन की होगी. आशय यह कि अभी की तुलना में चुनाव लड़ने के लिए प्रस्तावक और अनुमोदक कम चाहिए. नए प्रावधान के तहत चुनाव में ऑफिस बेयरर का नामांकन पत्र भरने में गलती हुई तो उसे रद्द नहीं किया जाएगा. सुधार कराया जाएगा. कमेटी मेंबर का पद रिक्त होता है तो छह माह के भीतर चुनाव कराना होगा. वर्तमान संविधान में एक माह में चुनाव कराने की बात है.

को ऑप्शन के जरिए बाहरी व्यक्ति को यूनियन का सदस्य बनाया जा सकता है. सदस्य बनने के बाद ऑफिस बेयरर का चुनाव लड़ने का रास्ता खुलता है. संशोधन में व्यवस्था की गई कि अब टाटा स्टील के पूर्व कर्मचारियों का ही को ऑप्शन किया जा सकेगा, किसी और का नहीं.

भारत सरकार ने श्रम कानून में बदलाव किया है. इसके तहत ट्रेड यूनियन में अधिकतम 5 साल में चुनाव की व्यवस्था की गई है. संविधान संशोधन में कहा गया कि भारत सरकार के नए श्रम कानून को आत्मसात किया जाएगा.

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