दावा किया कि यूनियन संविधान को मानें तो डिप्टी प्रेसिडेंट से ज्यादा अधिकार कोषाध्यक्ष के पास

नितेश ने सुझाव दिया कि यूनियन कार्यालय में शैलेश से अधिक सुविधाएं अमोद दुबे को देनी चाहिए

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

टाटा स्टील की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन में नई बहस शुरू हो गई है कि डिप्टी प्रेसिडेंट अधिक ताकतवर या कोषाध्यक्ष. इस बहस की शुरुआत कराई है नितेश राज ने. वो यूनियन के सहायक सचिव है. यूनियन के सभी कमेटी मेंबरों की मौजूदगी में उन्होंने दावा किया कि संस्था के संविधान को माने तो डिप्टी प्रेसिडेंट से अधिक अधिकार यूनियन कोषाध्यक्ष के पास है. कोषाध्यक्ष को टॉप थ्री में शामिल किया जाना चाहिए. डिप्टी प्रेसिडेंट की तुलना में कोषाध्यक्ष की सुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए.

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दरअसल, टाटा वर्कर्स यूनियन में बीते एक सप्ताह के दौरान संविधान संशोधन के मसले पर तीन बार कमेटी मीटिंग हो चुकी है. इसी बीच मंगलवार को माइकल जॉन सभागार में एक और कमेटी मीटिंग की गई जिसका एजेंडा एनी अदर मैटर रहा. उस बैठक में ऑफिस बेयरर को भी बोलने का मौका मिला. नितेश राज ने मुंह खोला तो एक नई बहस को न्यौता दे डाला. वर्तमान डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश कुमार सिंह की मौजूदगी में ही उन्होंने कहा कि यदि यूनियन के संविधान की बात करे तो उसमें डिप्टी प्रेसिडेंट की तुलना में कोषाध्यक्ष के पास कही अधिक अधिकार है.

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दाएं अमोद दुबे, बाएं ऊपर शैलेश, नीचे नितेश

जब संविधान ने कोषाध्यक्ष को अधिक अधिकार दिया है तो उन्हें ही शीर्ष पदाधिकारी में शामिल किया जाना चाहिए, न कि डिप्टी प्रेसिडेंट को. इस परंपरा में सुधार होना चाहिए. नितेश बोले कि अगर यूनियन कार्यालय की बात करें तो कोषाध्यक्ष के पास सुविधाएं भी तुलनात्मक तौर पर बहुत कम है. उन्हें और सुविधाएं दी जानी चाहिए ताकि कामकाज और सुगमता से कर सके.

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यूनियन कोषाध्यक्ष के पास भी कम जवाबदेही नहीं

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यूनियन संविधान में यह है डिप्टी प्रेसिडेंट के अधिकार और कर्तव्य
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