टुन्नू चौधरी से शिकायत हुई कि व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक किया जाना कतई उचित नहीं हो सकता
विवाद बढ़ा तो सतीश बोले कि पिछले वेज रिवीजन से हाउस को अवगत कराने का प्रयास था, उन्हें पीड़ा हुई तो दिल से खेद
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटा वर्कर्स यूनियन की सोमवार यानी बीते एक दिसंबर को माइकल जॉन सभागार में हुई कमेटी मीटिंग में आर रवि प्रसाद के कार्यकाल में हुए वेज रिवीजन के गुण दोष पर शुरू हुई बहस थमने का नाम नहीं ले रही है. सीआरएम के कमेटी मेंबर गुलाब चंद्र यादव और आरएमएम के यूसीएम संजय कुमार सिंह ने आर रवि प्रसाद के यूनियन अध्यक्ष रहते किए गए वेज रिवीजन को नुकसानदायक बताया. इसी बहाने सतीश सिंह की भी खिंचाई की जो उस वक्त भी महामंत्री के नाते आर रवि के साथ वेज रिवीजन समझौता के वार्ताकार थे.
सतीश ने कमेटी मीटिंग में दावा किया कि उस वेज रिवीजन से दोनों कमेटी मेंबरों को 70 हजार से अधिक रुपए का मासिक लाभ हो रहा है. उन्होंने दोनों के बेसिक, डीए और एलाउंस का आंकड़ा हाउस में रख दिया था. दोनों से सवाल भी किया था कि ये आंकड़े सही है या नहीं. अब यही नए विवाद की जड़ हो गया है। कमेटी मेंबर गुलाब चंद यादव और संजय सिंह ने यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी उर्फ टुन्नू से इस पर शिकायत दर्ज कराई है. उनकी आपत्ति है कि व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक किया जाना कतई उचित नहीं है.
दोनों कमेटी मेंबरों की पीड़ा देख सतीश सिंह ने उनसे दिल से खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि आर रवि प्रसाद के नेतृत्व में हुए वेज रिवीजन की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की जा रही थी. दोनों कमेटी मेंबरों द्वारा पिछले सात साल से लगातार यहां तक कहा गया कि वेज रिवीजन समझौता नहीं किया गया होता तो वे अधिक फायदा में होते. इसी कारण हाउस में सभी ऑफिस बेयरर्स और कमेटी मेंबरों के बीच उनके वेतनमान में फर्क को बताया था. मुझे ऐसा लगा कि हाउस में हर कोई वेज रिवीजन को समझते हैं.
ओल्ड और न्यू सीरीज के औसत वेतनमान को जानते हैं. इसलिए संजय और गुलाब भाई को सीधे संबोधित किया था. अब ऐसा महसूस हो रहा है कि इससे उन लोगों को पीड़ा हुई है तो दिल से माफी चाहता हूं. दोनों बंधु से व्यक्तिगत तौर पर भी मुलाकात होगी तो उनसे जरूर खेद व्यक्त करेंगे.
दरअसल, कमेटी मीटिंग में गुलाब चंद्र यादव और संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन के दौरान पिछले वेज रिवीजन समझौता का जिक्र किया। उससे नुकसान होने की बात कही. कमेटी मीटिंग की समाप्ति की बेला आई तो अपने संबोधन में सतीश सिंह ने दोनों कमेटी मेंबरों से ही कई सवाल कर दिए.
गुलाब चंद्र यादव को संबोधित करते हुए बोले कि आर रवि के अध्यक्ष रहते 31 दिसंबर 2017 को वेज रिवीजन लंबित हो गया था. उस तारीख को गुलाब यादव का बेसिक 92554 रुपए था. 31 दिसंबर 2024 को दोबारा वेज रिवीजन लंबित हुआ तो उनका बेसिक 130590 हो गया था. इस वक्त तक उनका डीए 35764 और एलाउंस 19222 रुपए हो गया था. वेज रिवीजन लंबित हुआ तो उन्हें कुल 186276 रुपए वेतनमान मासिक तौर पर मिल रहा था.
एक वेज रिवीजन से दूसरे वेज रिवीजन तक उन्हें महीने 73800 रुपए का लाभ हुआ है. सतीश ने गुलाब से सवाल किया कि ये आंकड़े सही है या नहीं. इसके बाद वो संजय कुमार सिंह से मुखातिब हुए। बताया कि 31 दिसंबर 2017 को उनका बेसिक 85150 था. 31 दिसंबर 2024 को बढ़ कर उनका बेसिक 125991 हो गया था.
36254 रूपए डीए हुआ। एलाउंस की राशि 19462 रुपए हुई थी। 77 हजार रुपए से अधिक का मासिक लाभ हुआ है. सतीश सिंह का कहना था कि पिछले सात साल से दोनों कमेटी मेंबर यूनियन कार्यालय से लेकर सड़क तक यही कहते फिर रहे है कि रवि ने वेज रिवीजन नहीं किया होता तो उन लोगों को अधिक फायदा होता. अब खुद सोचे कि उस वेज रिवीजन से उन लोगों को लाभ हुआ है या नुकसान.
कमेटी मीटिंग में सतीश सिंह ने माना कि एनएस ग्रेड के लिए विशेष करने की जरूरत है. अभी ओल्ड सीरीज के वेतनमान में सालाना 6500 तो एनएस के वेतनमान में सालाना 1500 की वृद्धि हो रही है. यह फैसला बड़ा है. ओल्ड सीरीज के वेतनमान को बेहतर रखते हुए न्यू सीरीज के वेतनमान में सालाना बढ़ोत्तरी के इस अंतर को तेजी से पाटना ही बड़ी चुनौती है.
खैर, कमेटी मीटिंग खत्म हुई तो गुलाब और संजय के वेतनमान को लेकर खुसफुसाहट बढ़ गई. कारण कि दोनों सार्वजनिक तौर पर लगातार पिछले वेज रिवीजन की आलोचना करते रहे है. अब गुलाब चंद्र और संजय कुमार सिंह ने पैंतरा बदला है. कह रहे है कि पिछले वेज रिवीजन में एनएस के साथ ठीक नहीं हुआ है.


