टाटा वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग में अरविंद पांडेय ने दिखाया आईना

आखिरकार कमेटी मेंबरों को बताना पड़ा  कि संविधान में क्या होंगे बदलाव

दबाव बनाया गया तो तय हुआ कि कमेटी मैंबर की सीट 160 से कम नहीं होगी

सहमति के लिए एक बार और आहूत होगी टीडब्ल्यूयू की कमेटी मीटिंग

लंबे अंतराल के बाद पुराने अंदाज में नजर आए ट्यूब डिवीजन के सरोज सिंह

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

संविधान संशोधन के मसले पर शुक्रवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में दूसरी बार टाटा वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग बुलाई गई. इरादा था कि पिछली कमेटी मीटिंग के मिनट्स को पारित कर संविधान संशोधन की कार्यवाही को आगे बढ़ा देना. यूनियन के पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने यूनियन नेतृत्व को आईना दिखाया.

ये भी पढ़ें : Fateh Live : टाटा वर्कर्स यूनियन में सब कुछ हवा हवाई

पूर्व में हुए संविधान संशोधन की प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि कमेटी मेंबरों को प्रस्तावित संशोधनों की लिखित प्रति तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. कोई भी कोर्ट चला जाएगा तो संविधान संशोधन बगैर लंबी सुनवाई के आसानी से रद्द हो जाएगा. इसके बाद हाउस में सभी कमेटी मेंबरों को बताया गया कि संविधान के किन किन पहलुओं के संशोधन का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें : The plight of Tata Steel Tube Division employees : इस रंग मंच पर अजीब खेल…कहीं खुशी का नाच तो कहीं गम का मेल, देखें – Video

अब इस मसले पर टाटा वर्कर्स यूनियन की एक और कमेटी मीटिंग बुलाई जाएगी. अगली मीटिंग में मिनट्स को पारित कराने का प्रयास किया जायेगा. अगर हाउस से पारित हुआ तो यूनियन की आमसभा होगी जिसमें सभी सदस्यों के बहुमत की राय के आधार पर यह कार्य आगे बढ़ाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें : Kalinganagar Plant Of Tata steel : टाटा समूह का एक सपना जो आज बन गया मील का पत्थर

रघुनाथ पांडेय के बेहद अजीज रहे सरोज पांडेय ने भी यूनियन नेतृत्व की तगड़ी घेराबंदी की. संविधान में क्या संशोधन करना है? यूनियन उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम ने इसका प्रजेंटेशन दिया. कमेटी मैंबर सवाल कर रहे थे तो कभी यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी उर्फ टुन्नू बोल रहे थे तो कभी यूनियन महामंत्री सतीश सिंह. सरोज पांडेय का कहना था कि कभी कोई जवाब दे रहा है तो कभी कोई और समझा रहा है.

ये भी पढ़ें : Jamshedpur : टाटा वर्कर्स यूनियन आइए, कुछ भी गाथा गाकर श्रीमान को माला पहनाइए

यूनियन नेतृत्व यदि अपने मकसद में साफ है तो खुद जवाब दे. कमेटी मेंबरों के सामने प्रस्ताव रखा गया था कि कर्मचारियों की संख्या के आधार पर कमेटी मेंबरों की सीट की संख्या घट बढ़ सकती है. इस पर सरोज पांडेय का कहना था कि आबादी बढ़ या घट जाने से सांसद या विधायक कम नहीं हो जाते. यूनियन में कमेटी मेंबर्स की सीट संख्या का निर्धारण होना ही चाहिए. लंबे समय तक यूनियन नेतृत्व का जयकारा लगाने वाले संतोष पांडेय भी आखिरकार खुद को रोक नहीं पाए.

ये भी पढ़ें : Tata Workers Union : पहले संविधान संशोधन पर फैसला, फिर वेज रिवीजन पर होगी बात

यूनियन नेतृत्व की घेराबंदी में वे भी पीछे नहीं रहे. सबसे बदले तेवर में ट्यूब डिवीजन के सरोज सिंह नजर आए. वहीं पुराना तेवर और बदला बदला अंदाज. उन्होंने यूनियन नेतृत्व को इस कदर घेरा कि एकबारगी हाउस में खामोशी छा गई. कमेटी मैंबर बमबम ने भी जुबानी तांडव खूब किया। सबसे तीक्ष्ण वार टीएमएच के राकेश कुमार सिंह ने पिछली कमेटी मीटिंग में किया था. इस दफा भी. वे बोलने को उठ खड़ा हो रहे है तो बेखौफ अंदाज में यूनियन नेतृत्व को तर्कपूर्ण तरीके से ऐसे घेर रहे है कि सब निरुत्तर. 

ये भी पढ़ें : New System In Tata Steel Medical Services : टाटा स्टील की ईसीसी फ्लैट डिस्पेंसरी में अब नहीं होगा इलाज

टाटा वर्कर्स यूनियन का नेतृत्व चाहता है यह बदलाव 

अभी तक टाटा स्टील के कुल कर्मचारियों की संख्या को 214 से भाग दिया जाता रहा है. जो आंकड़ा आता है, उसे आधार मान कर कमेटी मैंबर की सीट तय होती रही है. अब यूनियन नेतृत्व चाहता है कि 50 कर्मचारियों को आधार मान कर कमेटी मैंबर की एक सीट निर्धारित की जाय. कॉमन वेज स्ट्रक्चर में कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 8275 निर्धारित की गई है. इस आधार पर कमेटी मैंबर 165 होंगे.

ये भी पढ़ें : Tata Steel : आधी आबादी की समस्या पर उठाई आवाज तो सबका मिला साथ

पहले यूनियन नेतृत्व कमेटी मेंबरों की संख्या तय करने का पक्षधर नहीं दिख रहा था. विरोध हुआ तो न्यूनतम 160 सीट तय हुई. यह भी बताया गया कि अगले चुनाव में 10 हजार कर्मचारी कारखाना में होंगे तो 50 से भाग देने के आधार पर कमेटी मैंबर की सीट 200 होगी. जैसे जैसे कर्मचारी कम होते जाएंगे, कमेटी मेंबरों की सीट कम होती जाएगी। हां, किसी भी हालत में यह 160 से नीचे नहीं आएगी.

ये भी पढ़ें : Tata Workers Union : एक ऐसा नाम जिसने टाटा वर्कर्स यूनियन में सबको जगा दिया

यूनियन में अभी तक यह व्यवस्था है कि कमेटी मेंबरों का बहुमत चाहे तो को ऑप्शन के जरिए किसी गैर कर्मचारी को यूनियन का सदस्य बना सकता है. यूनियन नेतृत्व का आकलन है कि यूनियन के पास 45 करोड़ की नकदी है, 50 करोड़ की अचल संपत्ति है. ग़लत इरादे से बाहरी तत्व धन बल आदि के जरिए यूनियन में को ऑप्शन के सहारे आ सकते है. प्रस्ताव दिया गया है कि सिर्फ पूर्व कर्मचारी ही को ऑप्शन के दावेदार हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें : Tata Steel : नई बंदिश में टाटा स्टील में कार्यरत आधी आबादी

भारत सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है. इसके तहत ट्रेड यूनियन का कार्यकाल अधिकतम पांच साल हो सकता है. यूनियन नेतृत्व चाहता है कि पांच साल का कार्यकाल करने के अलावा नए श्रम कानून को आत्मसात कर लिया जाय. यहां गौरतलब है कि इंटक ने राष्ट्रीय स्तर पर नए श्रम कानूनों का विरोध किया है. इसे श्रमिक विरोधी करार दिया है. टाटा वर्कर्स यूनियन के कई शीर्ष पदाधिकारी इंटक के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी है. टाटा वर्कर्स यूनियन इंटक से संबद्ध भी है. इंटक किसे गलत बता रहा है, टाटा वर्कर्स यूनियन का शीर्ष नेतृत्व उसे अपनाने के लिए अलबलाया हुआ है.

ये भी पढ़ें : Tata Steel : टाटा वर्कर्स यूनियन में एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों के लिए आपदा तो अवसर भी

टाटा वर्कर्स यूनियन के वर्तमान संविधान में यह प्रावधान है कि कमेटी मैंबर के रिटायर होने अथवा मृत होने पर 15 दिन के भीतर उप चुनाव होना चाहिए. एकाध बार को छोड़ ऐसा हुआ नहीं है. दो से तीन माह गुजर ही जा रहे हैं. संविधान में उप चुनाव कराने की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें : Tata Steel : पहले टाटा वर्कर्स यूनियन में संविधान संशोधन, फिर टाटा स्टील में वेज रिवीजन, ऑफिस बेयरर्स की बैठक में यूनियन अध्यक्ष टुन्नू ने साफ साफ किया इशारा

ये भी पढ़ें : Tata Workers Union : एकाउंट पर वार्ता की शुरुआत हुई, 10 हजार के जूते पर बहस का खात्मा

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version