Charanjeet singh.
दक्षिण पूर्व रेलवे के अधिकारियों के लिए बने मलाईदार स्टेशन टाटानगर में वाणिज्य विभाग यात्रियों को बेच रहा है. अब तक के मामलों में रेलवे की चुप्पी और पहली बार पुलिस अधिकारियों का हस्तक्षेप इसका सबूत है. खैर फतेह लाइव इस बात की पुष्टि कर सकता है. मामला रेलवे पार्किंग से ही जुड़ा हुआ है. टाटानगर स्टेशन का.
हालिया दिनों सुर्खियों में आई पार्किंग को पश्चिम के विधायक सरयू राय आम जनता के लिए हस्तक्षेप कर चुके हैं. अन्य जनप्रतिनिधि भी लाइन में है. पुलिस अधिकारी भी इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साध कर निकल गए. खुद आकर मारपीट भी की गई. जांच के नाम पर भी ख्याली प्लाओ पकाये गए.
लेकिन गंभीर मुद्दा यह सामने आया है कि टाटानगर वाणिज्य विभाग के अधिकारी बिके हुए हैं. इस वक्त टाटानगर में तीन पार्किंग का टेंडर चल रहा है. मुख्य गेट, सेकेंड एंट्री और पार्सल पार्किंग. सभी जगह वाहनों के शुल्क अलग अलग हैं. सो कहना गलत नहीं होगा कि वाणिज्य विभाग इन ठेकेदारों के हाथों बिक गया है. आपको जानकारी दे दें कि टाटानगर मेन पार्किंग में चार चक्का की कम्प्यूटराइज टिकट 47 में कट रही है तो पार्सल में हाथ लिखी 59 रूपये की.
रेल बोर्ड में नियम है कि पार्किंग को आधुनिक करना है और टाटा पार्सल अब तक आधुनिक नहीं हुआ या किया नहीं किया गया. नियम के उल्लंघन यहां रोजाना हो रहे हैं. ऑटो, कार अंदर प्रवेश कराये जा रहे हैं. गेट के बाहर तक रोजाना नियम उड़ रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस तक खेल रचा हुआ है.
सूत्र बताते हैं कि पार्सल से रेलवे के अधिकारी एड़ी चोटी एक करते हैं. पार्सल के इस पार्किंग टेंडर के गोलमाल की चर्चा पूरे वाणिज्य महकमे है. पार्सल पार्किंग के अलावा सेकेंड एंट्री गेट में चल रहे बोगी के रेस्टोरेंट की भी वाणिज्य विभाग की पोल शीघ्र खोलने की तैयारी फतेह लाइव टीम कर रही है, कि कहां बैठकर यह टेंडर पास किया गया था. इसके लिए गोबिंदपुर के चर्चित आरटीआई कार्यकर्त्ता का जवाब मिलने वाला है.
