फतेह लाइव, रिपोर्टर.

नाबालिग की शादी की नीयत से बहला-फुसलाकर अपहरण व गर्भवती बनाने के एक मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे सह स्पेशल कोर्ट पोस्को न्यायाधीश सिरिश दत्त त्रिपाठी की अदालत ने बुधवार को आरोपी संजीत बंकिरा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. इस मामले में पीड़िता एवं उनके पिता ने कोर्ट में गवाही दी, जबकि आरोपी संजीत इस मामले में 8 माह 23 दिन जेल में रहे. घटना 28 जुलाई 2024 की हैं.

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इस संबंध में घाटशिला थाना प्रभारी मधुसूदन डे के बयान पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. थाना प्रभारी ने बताया था कि उन्हें सूचना मिली थी कि काटशोल गांव में एक नाबालिग की अपहरण के बाद आठ माह की गर्भवती नाबालिग को लेकर गांव में हंगामा हो रहा हैं. नाबालिग के परिजन उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इससे नाबालिग आत्महत्या के प्रयास में हैं. सूचना पर गांव पंहुचे और मामले में हस्तक्षेप किया और आरोपी संजीत बंकिरा को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में पता चला कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं. दोनों भागकर बैंगलोर गए और वहां मंदिर में शादी भी रचा ली हैं, दोनों एक साथ रहना चाहते हैं. लेकिन नाबालिग के साथ हुए इस इस प्रकार की घटना को देखते हुए आरोपी संजीत के खिलाफ अपहरण व पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था. वर्तमान में नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दी हैं. इस मामले में अदालत के समक्ष अधिवक्ता राम चन्द्र कर एवं जगन्नाथ भक्त ने पक्ष रखा थे.

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