Jamshespur.
गीता थिएटर के युवा टीम पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में स्थित टाटा मैटालिकस कंपनी के 04 प्रमुख विभागों में बांग्ला भाषी “अमी सोब जानी” नामक नुक्कड़ नाटक का सफल मंचन किया गया. यह नुक्कट नाटक समाजिक संस्था स्वच्छता पुकारे के नेतृत्व में गीता थिएटर की कलाकारों द्वारा किया गया था. जिसमें नशा पान, प्लास्टिक उपयोग ना करने के साथ -साथ पर्यावरण संरक्षण, रोड़ वं कंपनी सेफ्टी से संबंधित विषयों को सम्मिलित किया गया था.
नाटक में एक के बाद एक तीन दृश्यो को दिखाया गया. पहले दृश्य में वृक्ष को दिखाया गया, जो आम मानस से पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक होने के लिए विनती करता है. दृश्य में वृक्ष मानव जाति से जल, वायु और मट्टी संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए इन सभी चीजों का महत्व हमारे जीवन में क्या-क्या है, उन सभी को बताता है और कहता है की इनमें से एक भी चीज अगर नष्ट हो गई तो कैसे हमारा अस्तित्व खत्म हो सकता है.
दूसरे दृश्य में दिखाया जाता है कि कैसे हम छोटी सी लापरवाही के कारण सड़क एवं कंपनी-कारखाने में अपनी जान खो देते हैं और हमारे पीछे हमारे परिवार की क्या स्थिति हो जाती है. वही तीसरे एवं अंतिम दृश्य में दिखाया जाता है कि कैसे एक खुशहाल परिवार प्लास्टिक उपयोग एवं नशा करने के कारण बिखर जाता है.
अंत में नाटक की सूत्रधार प्रेम दीक्षित ने पूरे नाटक का सारांश उपस्थित दर्शकों के सामने रखा और इन सभी विषयों के प्रति जागरूक एवं सतर्क रहने के लिए उपस्थित कंपनी कर्मचारियों को शपथ ग्रहण करवाया.
नुक्कड़ नाटक में गीता थिएटर के 08 युवा कलाकार थे, जिसमें से नाटक में वृक्ष की भूमिका समीर नंदन, धरती माता वं मछली वाली की भूमिका रिया सांडिल, कंपनी में काम करने वाले लापरवाह कर्मचारी की भूमिका मनीष साहू और रंजन, प्लास्टिक उपयोग करने वाली की भूमिका स्नेहा कुमारी, जागरूक करने वाली महिला की भूमिका सुमन कुमारी, नशा करने वाले युवा की भूमिका में तुषार दासगुप्तो एवं राहुल दास ने बखूबी निभाई।
इस 32 मीनट के नुक्कड़ नाटक को बांग्ला भाषा में संजय दत्ता द्वारा लिखा गया था, जिसका निर्देशन गीता कुमारी द्वारा किया गया था.
जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक मंचन कार्यक्रम के दौरान कंपनी द्वारा गर्मी के मौसम का पूरा ध्यान रखते हुए समय सुची तैयार किया गया, जिसके कारण 04 नुक्कड़ नाटकों को 02-02 की सूची मे तैयार किया. पहले दो नाटकों का मंचन प्रातः 8 बजे से 10 के बीच तथा 3 से 5 के बीच मंचन करावाया गया.