राज्य सरकार को शपथ पत्र के जरिए स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
जमशेदपुर।
झारखंड उच्च न्यायालय ने सिख कत्ले आम के पीड़ितों को मुआवज़ा व दर्ज प्राथमिकी पर कारवाई को लेकर दायर जनहित पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय का पक्ष सुनने के बाद झारखंड सरकार से आयोग की रिपोर्ट पर पीड़ितों को मुआवज़ा भुगतान की दिशा में अब तक क्या कार्रवाई की गई है। यह सवाल किया है। राज्य सरकार को शपथ पत्र के जरिए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने 1984 कत्लेआम के पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय 2016 में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था।
इंसाफ में देरी भी अन्याय है : सतनाम सिंह गंभीर
याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि इंसाफ में देरी भी अन्याय है। उन्होंने कहा कि इंसाफ की राह देखते देखते उस वक़्त जो बच्चे थे। वो जवान हो गये, जो जवान थे वो बुड़े हो गये, जो बुड़े थे वो दुनिया छोड़कर चले गये। आख़िर कब पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिलेगा। झारखंड सरकार जल्द पीड़ितों को इंसाफ दे।