विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। यह विश्व को प्रभावित करने वाली वर्तमान जनसंख्या प्रवृत्तियों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है।
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सभी एनएसएस इकाई 1 के सदस्यों ने कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मंच संचालिका सुष्मिता घटवारी, हिंदी और अंग्रेजी भाषण स्वाती राज और एलिजा समाद ने प्रस्तुत किया जिसमें जनसंख्या, शिक्षा और बेरोजगारी के बारे में बताया।
विश्व में जनसंख्या इतनी अधिक बढ़ती जा रही है कि आवासों के निर्माण के लिए भूमि समाप्त हो रही है, मानव जंगलों को खत्म कर रहे हैं, जनसंख्या तो बढ़ रही है परंतु सीमित संसाधन होने के कारण लोगों तक उपयुक्त संसाधन नहीं पहुंच पा रहा है। पीपीटी प्रेजेंटेशन इंसा सिद्दीकी और आयुष पाराशर के द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें बढ़ती हुई जनसंख्या के बारे में एवं उसके सकारात्मक प्रभाव और नकारात्मक प्रभाव दोनों के बारे में विस्तार पूर्वक दिखलाने और बतलाने का प्रयास किया।
रूपा कुमारी ने एक हिंदी कविता सुनाई जो वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या पर आधारित थी कविता का शीर्षक है ” बढ़ती जनसंख्या एक चुनौती” जिसमें कहा कि बढ़ती जा रही है भीड़ जहां, कम होती सांस जमीन वहां, जहां पेड़ थे अब इमारतें हैं, जहां खेत थी अब बस्तियां हैं। डी.बी.एम.एस कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन की उप प्राचार्य डॉ.मोनिका उप्पल अपने शब्दों में बढ़ती हुई जनसंख्या के करण हो रही समस्याओं के बारे में बताया उन्होंने कहा की शिक्षा के द्वारा ही हम जनसंख्या को नियंत्रण कर सकते हैं। उन्होंने बताया की बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोजगारी बढ़ते जा रही है।
इस कार्यक्रम का संचालन एनएसएस इकाई 1 प्रोग्राम ऑफिसर पूनम कुमारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शिक्षार्थियों ने अपना विशेष योगदान दिया तथा कार्यक्रम को सफल बनाया। महाविद्यालय की सचिव श्रीमती श्रीप्रिया धर्मराजन ,सह सचिव सुधा दिलीप, प्राचार्या, उप प्राचार्या ,शिक्षक गण, गैर शैक्षणिक सदस्य सबकी अपनी भूमिका रही । धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज की छात्रा नीलू कुमारी ने किया |