पंजाब के क्रिमिनल केस को देखते हुए कोर्ट ने नहीं दी जमानत

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना में दर्ज एक आपराधिक मामले में फंसे सीजीपीसी महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला को गुरुवार को एक झटका लगा. आर्म्स एक्ट के मामले में फरार चल रहे बिल्ला की ओर से जमशेदपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी. एडीजे-टू कंकन पट्टेदार की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जमानत नामंजूर कर दी. इसके अलावा सेवा सिंह उर्फ लड्डू सिंह की अग्रिम जमानत भी खारिज हुई. वहीं मामले में जेल में बंद लवप्रीत सिंह उर्फ पेंडू की जमानत भी खारिज हो गई. बिल्ला पर पंजाब में दर्ज अपराधिक मामले और जमशेदपुर के इतिहास को देखते हुए जमानत नहीं मिल सकी, हालांकि पंजाब के मामले में वह बरी हो चुके हैं. बिल्ला की ओर से अधिवक्ता पंकज सिन्हा पैरवी कर रहे थे. अब उन्हें जमानत लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाना होगा.

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मामला: सिदगोड़ा थाना में दर्ज आर्म्स एक्ट का, घटना के बाद से चल रहे हैं फरार

इससे पूर्व कोर्ट में पिछले दिनों अधिवक्ता पंकज सिन्हा ने नो कोर्सिव (गिरफ्तारी पर रोक) लगाने की मांग की. जज ने उसे भी खारिज कर दिया. फिर 23 अप्रैल को तिथी निर्धारित हुई.ल थी. तब तारीख आगे बढ़ा दी गई थी. बता दें कि सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में 9 मार्च को शराब दुकान के सेल्समैन को पिस्तौल दिखाकर लूटने वाले टुइलाडूंगरी निवासी लवप्रीत सिंह उर्फ पेंडू और बाबी सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि आरोपियों को गुरुचरण सिंह बिल्ला ने ही हथियार उपलब्ध कराया था. इसके अलावा अन्य आरोपियों के भी नाम सामने आए थे. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी. बिल्ला के जिस गैरेज से हथियार बरामद हुआ था. उसे कोर्ट में अपना नहीं बताया था. उनके सामने रहने वाले एक शख्स ने तब पुलिस को बयान दिया था कि गैरेज बिल्ला का ही है. उनका कोई लेना देना नहीं.

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