सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह ने सूचना और फिल्म का वीडियो देखने के बाद फिल्म के निर्माता, निर्देशक, अभिनेता के खिलाफ भेजा कोर्ट नोटिस

Charanjeet Singh.

बॉलीवुड‍ फिल्म इंडस्ट्री कई बार अपने स्क्रिप्ट, सीन के कारण विवादों में रहता है और मामला कोर्ट में चला जाता है. कुछ ऐसा ही विवाद झारखंड के जमशेदपुर से जुड़ गया है. हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई देश में फार्मा कंपनियों के गोरखधंधे पर आधारित राजकुमार गुप्ता द्वारा निर्मित आठ एपिसोड वाली वेब सीरीज फिल्म पिल में जमशेदपुर के सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह को एक सीन में उनकी तस्वीर पर माला चढ़ाया हुआ दिखाया गया है.

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जियो सिनेमा पर 12 जुलाई को जारी हुई थी फिल्म

इसकी जानकारी भगवान सिंह को जब लगी, तो उन्होंने फिल्म को बारीकी से देखा और पाया कि फिल्म के आठवीं सीरीज के 54 मिनट 50 सेकेंड पर एक सीन में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए उस पर माला चढ़ाया हुआ दिखाया गया है. वहीं उस सीन में बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता रितेश देशमुख कलाकार की भूमिका में कोर्ट में दवा कंपनियों के गोरखधंधे की जानकारी जज को देते हुए दवा खाकर लोगों के मरने की जानकारी दे रहे हैं. उसी दौरान उस सीन में भगवान सिंह की तस्वीर को माला चढ़ाया हुआ दिखाया गया है. सीन के मुताबिक भगवान को सिंह को सीधे तौर पर मृत बताया गया है.

कोर्ट नोटिस भेज चुके हैं भगवान सिंह

इस मामले की जानकारी होने और फोटो को बिल्कुल उनका ही होने की पुष्टि के बाद सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह ने फिल्म के निर्माता और निर्देशक के खिलाफ नोटिस भेजा है. उन्होंने इसे गैर जिम्मेदराना काम बताते हुए. नोटिस का जवाब मांगा है. भगवान सिंह को संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वे मानहानि का दावा भी करने की योजना में है. भगवान सिंह ने इसे किसी साजिश का हिस्सा भी बताया है कि आखिरकार उनकी तस्वीर फिल्म निर्माता निर्देशक तक कैसे पहुंची. उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करने के पहले संबंधित लोगों ने इसकी पुष्टि क्यों नहीं की, कि यह तस्वीर किसकी है.

चर्चित निर्देशक है राजकुमार गुप्ता

फिल्म निर्माता/निर्देशक राजकुमार गुप्ता बॉलीवुड के जाने माने चेहरा है. बॉलीवुड के सुपर स्टार अजय देवगन को लेकर रेड जैसी सुपर हिट फिल्म बनाने के लिए भी राजकुमार गुप्ता को जाना जाता है.

फार्मा कंपनियों के गोरखधंधे पर आधारित है फिल्म

फिल्म पिल दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के कारोबार, गोरखधंधे और काले सच पर आधारित है. फार्मा कंपनियां किस तरह दवा के नमूने की जांच के लिए आम लोगों पर प्रयोग करती है. इस दौरान लोगों की जान भी चली जाती है. लोगों के मरने की स्थिति में कंपनी अपना पल्ला सीधे तौर पर झाड़ लेती है. इस फिल्म में इसी को दर्शाने और दिखाने का प्रयास किया गया है.

जानकारी भगवान सिंह को जब लगी, तो उन्होंने फिल्म को बारीकी से देखा और पाया कि फिल्म के आठवीं सीरीज के 54 मिनट 50 सेकेंड पर एक सीन में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए उस पर माला चढ़ाया हुआ दिखाया गया है. वहीं उस सीन में बॉलीवुड के चर्चित
अभिनेता रितेश देशमुख कलाकार की भूमिका में कोर्ट में दवा कंपनियों के गोरखधंधे की जानकारी जज को देते हुए दवा खाकर लोगों के मरने की जानकारी दे रहे हैं. उसी दौरान उस सीन में भगवान सिंह की तस्वीर को माला चढ़ाया हुआ दिखाया गया है. सीन के मुताबिक भगवान सिंह को सीधे तौर पर मृत बताया गया है.

वीडियो वायरल होने लगा, सिख समाज में आक्रोश

यह वेब सीरीज 12 जुलाई को जारी हुई थी. उसी समय भगवान सिंह को इसकी जानकारी हुई और सत्यता जांच कर कोर्ट की शरण में गए. इसकी भनक उन्होंने किसी को लगने नहीं दी, क्यूंकि उन्हें डर था कि समर्थक जहां आक्रोषित होंगे. वहीं उनके विरोधी भी इसे राजनीति करार देंगे. शुक्रवार को वेब सीरिज का उक्त वीडियो जमशेदपुर में भी निकल गया, जिसके बाद यह वायरल होना शुरु हो गया है. जैसे जैसे लोग इसे देख रहे हैं उनमें गुस्सा भी पनप रहा है और तरह तरह की चर्चाएं भी होने लगी है. भगवान सिंह ने बताया कि अपने अधिवक्ता के द्वारा उन्होंने निर्देशक पर कानूनी लड़ाई शुरु कर दी है.

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