घाटशिला में बहुत कुछ हुआ है, जो बाकी रह गया वो भी होगा

स्वर्गीय रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश ने मतदान के पहले किया सीधा संवाद

चरणजीत सिंह.

घाटशिला विधानसभा सीट पर मंगलवार को मतदान होना है. स्वर्गीय रामदास सोरेन के निधन के कारण उप चुनाव हो रहा है. झामुमो नीत इंडिया गठबंधन ने रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन को मैदान में उतारा है. सोमेश कभी राजनीति में नहीं रहे हैं. न छल प्रपंच और न दांव पेंच का भान. सीधे सीधी बात. मतदान के पहले धालभूमगढ़, घाटशिला, मऊभंडार, मुसाबनी से जादूगोड़ा की खाक छानी. कुछ कार्यकर्ताओं की सुनी। कुछ अपनी सुनाई. आम लोगों से भी सीधा संवाद किया.

धालभूमगढ़ बाजार में कुछ लोग मिले. रामदास सोरेन से जुड़ी कुछ यादें साझा की. मुस्कुराते हुए सोमेश सोरेन बोले कि मेरे नाम का अर्थ है चंद्रमा का स्वामी, शीतल हूं. यकीन मानिए, किसी को निराश नहीं होने दूंगा. मेरे दरवाजे चौबीस घंटे सबके लिए खुले रहेंगे, जो लोग पिता के साथ लंबी राजनीतिक यात्रा किए है. उनका सम्मान और स्थान यथावत रहेगा। युवाओं को जरूर और आगे बढ़ाएंगे.

मऊभंडार चौक पर सोमेश आए तो उन्हें भूख लगी थी. आलूचाप और घुंघनी लिया. तनिक पकौड़ी भी. तली हुई हरी मिर्च के साथ. कुछ युवकों ने उन्हें मोबाइल पर भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन से जुड़ा वीडियो का मींस दिखाया, जिसमें वे विश्वकर्मा पूजा पर कई असलहों की पूजा करते दिख रहे हैं. एक युवक उसका जिक्र कर दिखाता है कि एक दर्जन से अधिक गाड़ियों की चाभियां भी हैं. सोमेश इन बातों को नजअंदाज करते है. कुछ देर बाद कहते है, वो न दबंग है और न ही उन्हें हथियारों के प्रदर्शन का शौक है. हां, सच के लिए संघर्ष करना उनके खून में है. जब जनता के दुख दर्द की बात आएगी तब लोगों को दिखेगा कि सोमेश योद्धा है या नहीं.

सोमेश सोरेन का कारवां आगे बढ़ा. सुरदा क्रॉसिंग के पास भी वे लोगों से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि उनके पिता के विधायक बनने के बाद घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में बहुत कुछ हुआ है. जब वे विधायक बने थे तो घाटशिला के लोग पेट भरने के लिए भोर भोर टाटा या बंगाल जाते थे. अब अधिकतर लोगों को यही उतना रोजगार जरूर मिल जा रहा है कि इधर उधर भटकना न पड़े. शिक्षा और स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आया है. आवागमन सुलभ हुआ है. सांस्कृतिक विकास के लिए बहुत कुछ किया गया है. सोमेश बोले कि मानव सभ्यता में विकास एक सतत प्रक्रिया है. मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत कुछ हो चुका है। अब लंबी उड़ान की बारी है.

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