- गुरु को समर्पित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां, अतिथियों ने साझा किए अनुभव
- संस्कार और संस्कृति की शिक्षा का केंद्र बना सरस्वती शिशु विद्या मंदिर
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह के बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुवार को बड़े ही धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती और महर्षि वेदव्यास के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. विनीता कुमारी (स्वतंत्र निदेशक, वित्त मंत्रालय जीआईसी), प्रधानाचार्य आनंद कमल, सुरेश गुप्ता समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. मंच का संचालन हर्षिता राजन और प्रिया कुमारी ने किया. बच्चों ने गुरु को समर्पित नृत्य, भजन और प्रेरक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया. प्रधानाचार्य आनंद कमल ने कहा कि यह दिन गुरुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का उत्तम अवसर है. उन्होंने बताया कि वेदों में गुरु के चरणों में 68 तीर्थों का वास माना गया है.
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गुरु का मार्गदर्शन जीवन की सफलता की कुंजी : प्रो. विनीता कुमारी
इस अवसर पर विद्यालय की प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष डॉ. सतीश्वर प्रसाद सिन्हा ने आचार्य-दीदी को वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया. मुख्य अतिथि प्रो. विनीता कुमारी ने गुरु पूर्णिमा के महत्व को सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि गुरु ही वे प्रकाश स्तंभ हैं जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर जीवन को नई दिशा देते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम की सफलता में प्रदीप कुमार सिन्हा, अजित मिश्रा, राजेंद्र लाल बरनवाल, मनीषा पांडेय सहित सभी आचार्य-दीदी का विशेष योगदान रहा.
