- सूबे के स्थानीय नीति, नियोजन नीति और विस्थापन नीति पर जोर
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) द्वारा शुरू की गई खतियानी पदयात्रा रविवार की देर शाम गिरिडीह पहुंची. यह पदयात्रा 15 मई से दुमका से शुरू हुई थी और सोमवार को गिरिडीह से रांची के लिए प्रस्थान कर गई. इस दौरान जेएलकेएम के केंद्रीय उपाध्यक्ष अमित मंडल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा झारखंड के लोगों को उनका हक और पहचान दिलाने के उद्देश्य से की जा रही है. उन्होंने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य 1932 के खतियान को आधार मानते हुए राज्य में स्थानीय नीति, नियोजन नीति और विस्थापन नीति लागू करना है.
झारखंडियों को रोजगार और स्थानीय नीति पर जोर
अमित मंडल ने यह भी कहा कि झारखंडियों को सौ फीसदी रोजगार देने के लिए ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने जाति आधारित जनगणना और आदिवासी अधिकारों के लिए पार्टी की ओर से आवाज उठाने की बात भी कही. इसके अतिरिक्त, पार्टी ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने, शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था में सुधार और विस्थापितों को मुआवजा दिलाने की मांग भी की. आगामी 5 जून को रांची स्थित राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई है, जिसमें पार्टी प्रमुख टाइगर जयराम महतो सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे.
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आदिवासी अधिकारों और रोजगार पर पार्टी का फोकस
जेएलकेएम के केंद्रीय सचिव नागेन्द्र चन्द्रवंशी ने कहा कि पार्टी की यह पदयात्रा झारखंड के विकास और राज्यवासियों के अधिकारों के लिए जारी रहेगी. पदयात्रा के इस कार्यक्रम में जेएलकेएम के अन्य प्रमुख कार्यकर्ता भी शामिल थे, जिनमें सिकंदर आलम, अर्जुन पंडित, रणधीर यादव, जियाउल खान, मुकेश सिंह, छोटू राइन, संदीप मल्लाह, और कई अन्य नेता उपस्थित थे. यह यात्रा राज्य के लोगों के हक की लड़ाई के प्रतीक के रूप में आगे बढ़ेगी.