फतेह लाइव, रिपोर्टर. 

खुद को पत्रकार बता कर इस सम्मानित पेशे को दागदार बनाने वाले लोग न्यूज पोर्टल फतेह लाइव से बेहद खफा है. जुआ संचालन के मसले पर खबर के वायरल होने के बाद ऐसे तथाकथित पत्रकारों के पेट में ज्यादा दर्द है जो अवैध धंधेबाजों की काली कमाई के टुकड़े पर जीवन यापन करते हैं, रात्रि बेला में जिनके लिए दो चार पैग का जुगाड हो जाता है. फतेह लाइव की खबरों से ऐसे ही तथाकथित पत्रकार सुनील पांडेय आपा खो बैठे हैं. उन्होंने फतेह लाइव को मानहानि के लिए एक करोड़ का नोटिस भेजा है. एक करोड़. बेहतर होता कि एक करोड़ की रकम लिखने के पहले सुनील पांडेय पहले यह देखते कि वे आयकरदाता हैं या नहीं और आयकरदाता हैं, तो उनके पास कितना सफेद धन है.

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अवैध धंधेबाजों की पोल fatehlive.com ने खोलनी क्या शुरू की शहर के कुछ तथाकथित पत्रकारों के पेट में दर्द होने लगा है. आलम है कि अवैध धंधों की खुल रही परत दर परत पोल के साथ शहर के तथाकथित पत्रकारों की कारगुजारियां भी सामने आने लगी है कि किसी तहर पत्रकारिता की आड़ में एक हब्बा-डब्बा ( जुआरी) चलाने वाले को समाजसेवी बनाकर लगातार अवैध धंधों को संरक्षण दिया जा रहा है.

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फतेह लाइव की खबर ने इन तथाकथित पत्रकारों को ऐसा दर्द दिया कि पहले तो उसके संपादक चरणजीत सिंह को इन लोगों ने खबर का प्रकाशन रोकने के लिए अलग-अलग माध्यम से धमकाया फिर एक करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है. इसका माकूल जवाब फतेह लाइव की ओर से देने की तैयारी की जा रही है.

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यह बताते चलें कि आदित्यपुर के एक चर्चित बिल्डर ने हाल में रडार न्यूज नामक एक पोर्टल खोला है. यह उसके कारोबार की चर्चित संस्था है. उसने बीते दिनों एक अख़बार को भी गोद लिया था. वह अखबार चलाने में उसकी भद पिट गई. पत्रकारों को फ्री काम कराकर उस बिल्डर ने सोचा कि उन्हें गोद ले लेगा. कुछ हद तक वह सही भी साबित हुआ. ‘लगातार‘ से एक पत्रकार को पीने-खाने के लिए भगाया गया था. उस बिल्डर को उसने भी सपने दिखाए. खुद को एक यूनियन का नेता बताने वाला जो खुद उस बिल्डर के लिए आया था, पत्रकारों और बिल्डर को ठग के चला गया. खैर उस बिल्डर की कहानी आपको बाद में बतायेंगे.

फिलहाल इस कहानी में जुड़ गए, उस तथाकथित यूनियन के दो मोहरे. नाम सुनील पांडे और मधुरेश बाजपेई. खूद को रडार न्यूज का मुख्य कर्ताधर्ता बताकर गोरखधंधा चला रहे हैं. फतेह लाइव ने जब इसका खुलासा किया तो सुनील पांडे स्वयंभू संपादक बनकर उस बिल्डर को भी गफलत में डालने में लग गए. गोविंदा नामक तथाकथित समाजसेवी को बचाने के लिए पत्रकारिता करने के सारे नियमों को तार-तार करने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी. यह तथाकथित पत्रकार सुनील पांडेय अब गोविंदा को जुआरी से समाजसेवी बनाने के जतन में लगे हैं.

खैर, सुनील पांडेय की नोटिस का जल्द जवाब दिया जाएगा. इससे पहले रडार न्यूज के मालिक और सुनील पांडेय पर भी मानहानि का मुकदमा ठोकने की तैयारी फतेह लाइव ने कर ली है. इसके अलावा आने वाले समय में तथाकथित पत्रकारों के और कारनामों को भी बेपर्दा किया जाएगा. खैर गोविंदा के जुआरी होने की खबर की भी पुष्टि इन तथाकथित लोगों ने कर दी है.

जुआरी बनाम पत्रकार की कहानी आगे जारी रहेगी …

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