एमजीएम के नारगा, परसुडीह और सुंदरनगर में चल रहा है हब्बा-डब्बा, भोले भाले ग्रामीणों को लूटकर सफेदपोश माफिया हो रहें मालामाल
Charanjeet Singh.
झारखंड में तो लगता है जैसे लॉटरी-मटका एक अघोषित लाईसेंस के उद्योग का रूप ले चुका है और इसीलिए इस पर कठोर कार्रवाई नहीं के बराबर हो रही है. क्या पुलिस क्या पॉलीटिशियन सब के सब मैनेज हो चुके हैं. कुल मिलाकर अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी यहीं चरितार्थ हो चुकी है.
बीते दिनों हमने जमशेदपुर के सिदगोड़ा और साकची के संचालकों के नाम और अड्डों की खबर वीडियो लिंक बनाकर वायरल किया था. परिणाम यह हुआ कि दो दिन तक लगातार फोन आते रहे और क्या संचालन करने वाले टीम के लोग क्या पत्रकार सभी सटोरियों के समर्थन में फोन करते नजर आए. लौहनगरी के ज्यादातर अड्डों पर हलचल थोड़ी कम रही, लेकिन बाजार पुनः गुलजार हो गए और बड़ी बेशर्मी के साथ मूकदर्शक हो गये.
हमने अपने पिछले खबर में ही कहा था कि अगला वीडियो जल्द वायरल करेंगे तो वायदे के अनुसार फिर एक वीडियो हमने प्राप्त भी कर लिया है. इस वीडियो में एमजीएम के नारगा में हब्बा-डब्बा खेलवाया जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि किसी देव नारायण गिरी और रोहित कैवर्त नामक दो व्यक्तियों द्वारा यह धंधा चलवाया जा रहा है. इसी तरह परसुडीह के गदडा़ में कमल मंडल और सुंदरनगर के गोडा़डीह में गोविंदा और विक्की साहू का अड्डा भी धड़ल्ले से चल रहा है. इन्हें कई सफेदपोश और स्थानीय तथाकथित पत्रकारों का भी संरक्षण प्राप्त हो रहा है. क्षेत्र में चर्चा का विषय बने गोविंदा की गतिविधियों पर अगली खबर जल्द प्रकाशित की जाएगी.
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रोजाना हजारों रूपए गंवा कर भोले-भाले ग्रामीण इस अड्डे से अमीर बनने का टूटता सपना लिए घर लौटते हैं. लॉटरी-मटका की तरह हब्बा-डब्बा से भी हजारों घर बर्बाद हो रहें हैं, लेकिन इस धंधे के खिलाफ न सत्ता और न विपक्षी दलों के कोई नेता आवाज उठाते हैं. मानों जैसे कि संचालकों को सरकार द्वारा एक अघोषित लाईसेंस ही मिल गया हो.