संगत का शुक्रिया जिन्होंने सौहार्दपूर्ण रूप से नगर कीर्तन को इतिहासिक बना दिया: भगवान सिंह

फटेह लाइव, रिपोर्टर।

सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व पर निकाले गए नगर कीर्तन में जमशेदपुर की सिख संगत समेत अन्य समुदाय के रिकॉर्ड बड़ी संख्या में श्रद्धापूर्वक शामिल होने को प्रधान सरदार भगवान सिंह और शोभा यात्रा के मुख्य आयोजनकर्ता सीजीपीसी ने एतिहासिक बताया है।

मंगलवार को बयान जारी करते हुए सरदार भगवान सिंह ने कहा कि इस बार सीजीपीसी ने नगर कीर्तन के आयोजन को लेकर कुछ नए प्रयोग किये थे जो जमशेदपुर की संगत के समर्थन और सहयोग से सफल रहे। इतिहासिक कहे जाने वाले बयान पर तर्क देते हुए सरदार भगवान सिंह ने कहा कि उन्होने संगत से अपील की थी कि इस बार केवल दर्शक बन कर नहीं बल्कि पालकी साहिब के पीछे शोभायात्रा में शामिल हों, जिसे संगत के स्वीकार करते हुए अधिकतर संख्या में पालकी साहिब के पीछे चलते हुए गुरु घर की खुशियां प्राप्त कीं।

भगवान सिंह ने यह भी कहा, वे संगत और सेवा करने वाली अन्य संस्थाओं का भी धन्यवाद करना चाहते हैं जिन्होंने इस वर्ष होर्डिंग लगाने से परहेज किया। सीजीपीसी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि नगर कीर्तन इस लिहाज से भी इतिहासिक है क्योंकि उन्हें यकीन है कि पुरे कोल्हान से लगभग अस्सी हजार संगत ने नगर कीर्तन में शिरकत का गुरु ग्रन्थ साहिब के आगे माथा टेका। महासचिव अमरजीत सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला ने कहा कि सीजीपीसी की ओर से जिस सदस्य को जो भी जिम्मेदारी दी गयी थीं उन्होंने वह बखूबी निभायी साथ ही साथ सिख नौजवान सभा के लड़कों ने काफी व्यवस्थित करके से पुरे नगर कीर्तन का ट्रैफिक कण्ट्रोल किया जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

सीजीपीसी ने स्त्री सत्संग सभा सहित सभी गुरद्वारा की प्रबंधक कमिटियों और अकाली दल का विशेष धन्यवाद किया जिनकी बदौलत वे नगर कीर्तन को सफलतापूर्वक आयोजित कर पाये।
दूसरी ओर साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशान सिंह और महासचिव परमजीत सिंह काले ने भी प्रकाश पर्व को इतिहासिक बताया। दोनों पदाधिकारियों ने बताया कि इस दफा साकची गुरुद्वारा साहिब में करीब सोलह हजार संगत ने माथा टेक गुरु का अटूट लंगर ग्रहण किया। बकौल निशान सिंह और परमजीत सिंह काले, साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा पालकी साहिब पर की गयी पुष्पवर्षा और गुरु महाराज जी के सम्मान में आसमान रोशन करने वाली आतिशबाजी को संगत ने खूब सराहा।

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version