Charanjeet Singh Khalsa, (Chief Editor)

जमशेदपुर।

तारकंपनी इंद्रानगर गुरुद्वारा में आगामी 29 जुलाई शनिवार को लौहनगरी की सिख संगत के लिए दसवें गुरु साहेब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह की बख्शशीश खंडे की पाहुल (अमृत संचार) तैयार होगी. वर्षों से लौहनगरी में संगत को नाम बाणी से जोड़ते आ रहे भाई निर्मल सिंह खालसा पटियाला वाले ने वाहेगुरु के आदेश अनुसार एक बार फिर इसकी तैयारी कर ली है. सुबह 10 बजे खंडे का बाटा तैयार होगा. अमृतपान करने के इक्छुक प्राणियों को केशी स्नान करके समय से गुरुद्वारा साहेब पहुंचने की अपील बाबा निर्मल सिंह ने की है. उन्होंने *फतेह लाइव* न्यूज को बताया कि गुरुद्वारा साहेब में ककार (कंघा, कृपाण, कढ़ा और कच्छहिरा) उपलब्ध रहेगा. मालूम हो कि विगत 3 जुलाई से भाई निर्मल सिंह लौहनगरी में तरकम्पनी गुरुद्वारा एवं संगत के घर घर जाकर गुरबाणी का प्रवाह चला रहे हैं और गुरबाणी की महत्ता पर प्रकाश डाल रहे हैं.

अब तक 45 हजार लोगों को करा चुके हैं अमृत संचार

बकौल भाई निर्मल सिंह खालसा जी बताते हैं कि गुरबाणी का प्रचार करने के लिए उन्होंने 1996 में सेना की नौकरी छोड़ दी. तब से अब तक देश विदेश में वह 45 हजार से अधिक प्राणियों को गुरु वाले बना चुके हैं. वह निष्काम सेवा करते आ रहे हैं. उन्होंने बाणी का हवाला देते हुए कहा कि “आप जपो अवरा नाम जपावो”. उन्होंने कहा कि इसी वचनों के साथ दो मिशन पर लगातार निष्काम सेवा करते आ रहे हैं कि बाणी दूसरों को भी पढ़ाएं. उन्होंने फिर कहा कि “वाहो वाहो बाणी निरंकार है”. जब हम अपने मां और बाप को नहीं बेच सकते तो फिर बाणी को कैसे बेच सकते हैं. यह उनका एक तंज था आज, के रागियों और प्रचारकों पर. उन्होंने कहा कि आज के रागी कीर्तिनिये दो से तीन लाख लेकर हवाई यात्रा करके आते हैं. उन्होंने साफ कहा कि बाणी बेचने की चीज नहीं है. भाई निर्मल सिंह ने कहा कि वह संगत को नशा त्यागने और नाम जपने के लिए गुरु उपदेशों के अनुसार प्रेरित करते हैं. संगत को बताया जाता है कि सरबत दा भला करो और अपनी किरत कमाई का दशवंद जरूर निकालें.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version