• गलत उत्तर देने के लिए सर्वाधिक दोषी विभागीय मंत्री हैं

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने विधानसभा में अपने तारांकित प्रश्न का उत्तर घोर आपत्तिजनक और गुमराह करने वाला बताया. उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा सत्र के दौरान उठाया और कहा कि उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में सरकार ने न केवल गलत जानकारी दी, बल्कि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. सरयू राय ने विधानसभाध्यक्ष से इस पर संज्ञान लेने की अपील की और कहा कि सरकार के विभागों ने सदन के निर्देशों को नजरअंदाज किया है. उनके अनुसार, विभागीय मंत्री द्वारा दिए गए गलत उत्तरों के लिए अधिकारियों के साथ-साथ मंत्री भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि मंत्री ही इन उत्तरों को सदन में प्रस्तुत करते हैं.

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सरकार और विभागीय मंत्री पर उठे गंभीर सवाल

सरयू राय ने विशेष रूप से जमशेदपुर के एमजीएम कॉलेज और अस्पताल के नये भवन में पानी की व्यवस्था के संबंध में पूछे गए सवालों के गलत उत्तरों पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि पहले सवाल में यह पूछा गया था कि अस्पताल की चालू स्थिति में जल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, जिसका उत्तर सरकार ने यह दिया कि एलएंडटी द्वारा अस्थायी पानी आपूर्ति की व्यवस्था की गई है, लेकिन सरकार ने यह नहीं स्वीकारा कि अस्पताल चालू ही नहीं हो रहा है. राय ने इसे गुमराह करने वाला उत्तर बताया.

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सरकार के भ्रामक उत्तरों के खिलाफ विधायक का विरोध

इसके अलावा, एक और सवाल में राय ने पूछा था कि बिना सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से अनुमति लिए पांच डीप बोरिंग क्यों स्थापित किए गए हैं, जिसका उत्तर सरकार ने यह दिया कि बोरिंग एलएंडटी द्वारा कराया गया है और पानी के लिए नगर निगम को रुपये जारी किए गए हैं. राय ने इसे सफेद झूठ करार दिया और कहा कि नगर निगम के पास अन्य कार्यों के लिए पानी नहीं है, फिर सरकार ने कैसे यह दावा किया कि कार्य प्रक्रियाधीन है. राय ने इस उत्तर को सरकार की विकृत मानसिकता और गुमराह करने वाली रणनीति बताया.

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सरकार का सफेद झूठ और जनता से वादाखिलाफी

वहीं, नये भवन के परिचालन की अनुमति (COT) दिए बिना ओपीडी सेवा चलाने पर भी राय ने सवाल उठाया. उन्होंने सरकार से यह पूछा था कि बिना अनुमति के कैसे ओपीडी सेवा चलायी जा रही है, पर सरकार ने इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया और इसे पूरी तरह से टाल दिया. राय ने इसे भी अनदेखी का उदाहरण बताया और कहा कि सरकार यह स्वीकार करने से कतराती रही कि यह गतिविधि नियमों के खिलाफ है.

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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर विधायक का कड़ा हमला

सर्वाधिक चिंताजनक बात यह है कि एमजीएम अस्पताल के नए भवन में पानी की अस्थायी व्यवस्था के नाम पर 10 डीप बोरिंग कराने की योजना बनाई गई है, जिसमें से पांच हो चुके हैं. राय ने बताया कि यह अत्यधिक जल दोहन की वजह से आस-पास के नागरिक इलाकों में पानी की कमी उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि बोरिंग और कुएं सूख सकते हैं. उन्होंने इसे जनविरोधी कृत्य बताया और कहा कि पर्यावरण सहमति का उल्लंघन कर बिना अनुमति के भूमिगत जल का उपयोग किया जा रहा है, जो कानून के खिलाफ है.

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बिना अनुमति जल का अत्यधिक उपयोग, जनविरोधी निर्णय

राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और एलएंडटी ठेकेदार कानून से नहीं बच सकते हैं. भले ही सरकार विधानसभा को गलत और भ्रामक उत्तर दे, लेकिन इसका कड़ा परिणाम स्वास्थ्य विभाग और ठेकेदार को भुगतना होगा. उन्होंने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि यह संज्ञान लेने योग्य मामला है और इसका सही समाधान जल्द ही निकाला जाना चाहिए. विधायक ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और सरकार की विकृत मानसिकता की आलोचना की और कहा कि यदि यही स्थिति रही तो एमजीएम अस्पताल की हालत और खराब हो सकती है.

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