हर हाल में सोखी को प्रधान बनाना चाहते हैं चारों, भगवान सिंह को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कुलविंदर सिंह ने सीधे तौर पर केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह, चेयरमैन शैलेंद्र सिंह और महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला पर आरोप लगाया कि वह टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सुरजीत सिंह खुशीपुर के हाथों में खेल रहे हैं।

इन चारों का मकसद किसी भी हाल में बागुननगर निवासी अवतार सिंह सोखी को प्रधान बनाना है। उसे बनाने की सारी योजना केंद्रीय कमेटी के दफ्तर में बनी।

अधिवक्ता प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि भगवान सिंह को आमसभा बुलाने का अधिकार नहीं है। वे 2025 अप्रैल तक प्रधान रहेंगे। बाकी बारीडीह में जो कुछ हो रहा है। यह सब सेंट्रल कमेटी के इशारे पर हो रहा है।

क्या कारण है कि बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह की कमेटी को भंग करने की इन्हें घोषणा करनी पड़ी। इलाके की संगत पूरी तरह से जानती है कि सारा काम वहां कुलविंदर सिंह ही कर रहे हैं। यदि अवतार सिंह सोखी ने गलत किया था, तो उसके खिलाफ भगवान सिंह ने क्या कार्रवाई की।

उल्टे केंद्रीय कमेटी के दफ्तर में बुलाकर उसे सलाह करते रहे और उसको जबरन पक्ष कर बना दिया।

सुरजीत सिंह टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान हैं। सविंदर सिंह लादेन छन्नी बाबा गुरुद्वारा कमेटी का कर्ताधर्ता है। जबकि 10 नंबर बस्ती का पूरा इलाका बारीडीह से काट दिया गया है।

फिर किस हैसियत से भगवान सिंह सविंदर सिंह और सुरजीत सिंह को वहां पक्षकार बनाए हुए थे। सुरजीत सिंह एवं उनकी टीम ने केंद्रीय कमेटी के दफ्तर में पूरी गुंडागर्दी की। उनके खिलाफ भगवान सिंह ने क्या एक्शन लिया।

कुलविंदर सिंह के अनुसार जब अप्रैल 2022 में समझौता के तहत 2025 तक के लिए प्रधान बनाए गए थे। तब ज्ञानी कुलदीप सिंह एवं उनकी टीम ने मान्यता लेने के लिए तत्कालीन प्रधान गुरमुख सिंह मुखे के यहां चलने को कहा था। कुलविंदर सिंह के अनुसार संगत और गुरु घर का आशीर्वाद चाहिए किसी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है।

जमशेदपुर में तो सेंट्रल कमेटी केवल आपस में लड़ाने का काम करती है इसका उदाहरण बारीडीह है। कुलविंदर सिंह के अनुसार दिसंबर 2022 में वे कोलकाता में थे तो उसकी अनुपस्थिति में भगवान सिंह, शैलेंद्र सिंह, गुरुचरण सिंह बिल्ला वहां गुरुद्वारा में क्या करने गए थे। कुलविंदर सिंह के अनुसार वे कोलकाता में थे लेकिन महासचिव सुखविंदर सिंह एवं कमिटी यहां थी, जिसे कोई जानकारी नहीं दी गई।

असल में झामुमो प्रत्याशी को समर्थन देने से उत्पन्न हालात के कारण सिख जगत में भगवान सिंह की किरकिरी हो रही है। सिख समुदाय ने उनके फतवे को अनसुना कर दिया और वह अब झामुमो की डी टीम की भांति काम कर रहे हैं।

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