स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से विधायक ने किया आग्रह
सरयू राय, एमजीएम अस्पताल, जल आपूर्ति, पर्यावरण स्वीकृति
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की और एमजीएम अस्पताल के लिए जल आपूर्ति को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नये एमजीएम अस्पताल भवन में भूमिगत जल का उपयोग न किया जाए, क्योंकि इससे आसपास के इलाकों में चापाकल सूख जाएंगे और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि बोरिंग करना पर्यावरण स्वीकृति के प्रावधानों के खिलाफ है. सरयू राय ने बताया कि एमजीएम अस्पताल के संचालन के लिए जो पर्यावरण स्वीकृति ली गई है, उसमें भूमिगत जल के इस्तेमाल का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि बोरिंग का काम किया गया, तो इसका असर स्थानीय जल स्रोतों पर पड़ेगा और क्षेत्र की जल आपूर्ति प्रभावित होगी. विधायक ने सुझाव दिया कि अस्पताल के लिए जल आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं. पहला, मानगो होकर डिमना लेक का पानी अस्पताल को दिया जा सकता है, जो टाटा स्टील द्वारा संचालित किया जाता है. दूसरा विकल्प है सतनाला डैम से पानी लाकर अस्पताल को आपूर्ति करना.
उन्होंने कहा कि सतनाला डैम से गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से कम खर्च में और कम समय में पानी लाया जा सकता है, जिससे अस्पताल को जल की पर्याप्त आपूर्ति मिलेगी और मानगो क्षेत्र के निवासियों को भी फायदा होगा. सरयू राय ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वर्णरेखा नदी से पानी खींचकर एमजीएम अस्पताल लाने की योजना बनाई है, जो बेहद महंगी और समय-consuming होगी. उन्होंने इसे हल्की योजना करार देते हुए कहा कि इसे छोड़कर सतनाला डैम से पाइपलाइन बिछाने पर विचार किया जाए, जिससे पानी की गुणवत्ता भी सही रहेगी और इसे छह महीने में लागू किया जा सकता है.
उन्होंने इस मुद्दे पर उपायुक्त से भी पहले ही बातचीत की थी और कहा था कि एमजीएम अस्पताल के संचालन में भूमिगत जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सरयू राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह न केवल पर्यावरण स्वीकृति का उल्लंघन है, बल्कि इससे स्थानीय जल आपूर्ति भी प्रभावित होगी. उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील की और कहा कि पुराने बोरिंग का संचालन बंद किया जाए और नए बोरिंग की कोई योजना न बनाई जाए. सरयू राय के इन सुझावों का उद्देश्य है कि अस्पताल के संचालन के लिए जल आपूर्ति की समस्या का समाधान एक स्थायी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से किया जाए, ताकि अस्पताल के साथ-साथ आसपास के इलाकों में जल संकट न हो. उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे न केवल अस्पताल के संचालन से जुड़े हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों की जल सुरक्षा से भी संबंधित हैं.