पुलिस-प्रशासन की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला

प्रशासन नहीं मानेगा तो जनता दिन में गाड़ियों को रोकेगी, मैं उनके साथ रहूंगा

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर में मानगो में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने के बारे में मैंने आज फिर दूरभाष पर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से वार्ता किया और कहा कि प्रशासन जाम की समस्या को गंभीरता से ले और उसके लिए ठोस उपाय करे. मैंने उपायुक्त को याद दिलाया कि मैं विगत छह दिनों से इस बारे में जमशेदपुर प्रशासन और पुलिस का ध्यान आकृष्ट कर रहा हूं पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. दो दिन पहले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की एक बैठक होने की सूचना समाचार पत्रों से मिली पर उसका भी कोई नतीजा अभी तक नहीं निकला है.

मैंने उपायुक्त से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रशासन सबसे पहले जमशेदपुर में भारी वाहनों के नो इंट्री के समय में बदलाव करे. दिन में किसी भी भारी वाहन को जमशेदपुर में प्रवेश करने की इजाजत न दी जाए. रांची की तरफ से डोभो होकर आने वाले भारी वाहनों तथा सरायकेला की ओर से आने वाले भारी वाहनों को केवल रात में 12 से सुबह 6 बजे तक ही जमशेदपुर में प्रवेश करने की इजाजत दी जाए. दिन में इन वाहनों को जमशेदपुर में, मुख्य रुप से टाटा स्टील की फैक्ट्री में जाने के लिए दी जाने वाली ढील मानगो पुल पर जाम का कारण बन रहा है.

मैंने उपायुक्त के ध्यान में यह बात भी लाया कि यदि प्रशासन जमशेदपुर में भारी वाहनों की दिन में इंट्री बंद करने में आनाकानी करेगा तो बाध्य होकर जाम से जूझ रही जनता को खुद आगे आकर दिन में भारी वाहनों की इंट्री बंद करानी पड़ेगी. ऐसी स्थिति में मैं आम जनता के साथ खड़ा रहूंगा, क्योंकि मेरी प्राथमिकता आम जनता को सुविधा दिलाने की है. मानगो पुल पर जाम की स्थिति तो चिंताजनक है ही, जमशेदपुर शहर में करीब एक दर्जन अन्य स्थान हैं, जहां यातायात की व्यवस्था का संचालन सुचारू रुप से करने की जरूरत है.

मुझे उम्मीद है कि जिला प्रशासन मानगो पुल और मानगो चौक पर लगने वाली जाम की समस्या से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए मेरे उपर्युक्त सुझाव पर गंभीरता से विचार करेगा और एक सप्ताह के भीतर इसे लागू करना सुनिश्चित कराएगा.

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