एक्सएलआरआइ में 33 वें जेआरडी टाटा ऑरेशन ऑन बिजनेस एथिक्स का हुआ आयोजन
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल एक्सएलआरआइ ने अपने 76 वर्ष पुराने शैक्षणिक इतिहास और नैतिक नेतृत्व की विरासत को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 33वां जेआरडी टाटा ऑरेशन ऑन बिजनेस एथिक्स का आयोजन टाटा ऑडिटोरियम में किया. इस वर्ष ऑरेशन के मुख्य वक्ता के रूप में वैश्विक स्तर पर बिजनेस एथिक्स के क्षेत्र में वैश्विक पहचान रखने वाले वर्ल्ड फोरम फॉर एथिक्स इन बिजनेस के प्रेसिडेंट डॉ. संजय प्रधान उपस्थित थे. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह प्रश्न उभारते हुए कहा कि “बिजनेस और नैतिकता- परस्पर विरोधी हैं या पूरक? साथ ही स्पष्ट किया कि नैतिकता किसी भी सफल व्यवसाय की गति को रोकती नहीं, बल्कि उसकी सबसे मजबूत नींव होती है. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और एक्सएलआरआइ जेआरडी टाटा फाउंडेशन फॉर बिजनेस एथिक्स के परिचय सत्र से हुई. चेयरपर्सन डॉ. (फादर) जोसेफ मैथ्यू एसजे ने बताया कि यह फाउंडेशन 1991 से जेआरडी टाटा की सोच और जेसुइट वैल्यूज के अनुरूप नैतिक व्यावसायिक शोध, नेतृत्व और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता रहा है. वहीं, एक्सएलआरआइ के निदेशक डॉ. (फादर) सेबास्टियन जॉर्ज एस.जे. ने डॉ. प्रधान की उपलब्धियों और एआइ गवर्नेंस, एंटी-करप्शन व एथिकल बिजनेस पर उनके वैश्विक योगदान का उल्लेख करते हुए उनका औपचारिक परिचय दिया.
वहीं, डॉ. प्रधान ने टाटा समूह के उदाहरण, जॉनसन एंड जॉनसन के टायलनॉल रिकॉल और पैटागोनिया जैसे अभियानों के माध्यम से यह बताया कि लांग टर्म मूल्य सृजन सिर्फ नैतिक निर्णयों से ही संभव है. दूसरी ओर फॉक्सवैगन उत्सर्जन घोटाला और 2008 की वित्तीय मंदी के उदाहरण देते हुए उन्होंने चेताया कि नैतिक चूक का मूल्य बहुत भारी पड़ता है. उन्होंने डब्ल्यूएफइबी की थर्ड वेव अवधारणा को समझाते हुए एआइ एथिक्स, रीजेनेरेटिव क्लाइमेट एक्शन और एंटी करप्शन को भविष्य की तीन प्रमुख दिशाएं बताया. इस दौरान डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा ने जेआरडी टाटा द्वारा देश व दुनिया को दिये गये एथिकल वैल्यू की जानकारी दी. अंत में डीन एकेडमिक्स डॉ. संजय पात्रो ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक्सएलआरआइ का लक्ष्य ऐसे फ्यूचर लीडरों को तैयार करना है जिनके भीतर कॉन्शियंस भी हो और कॉम्पिटेंस भी, यही जे.आर.डी. टाटा की वास्तविक विरासत है.
