- जदयू ने हेमंत सरकार को बताया आदिवासी विरोधी, न्यायिक जांच और राष्ट्रपति शासन की मांग
- जदयू नेताओं ने चेताया – जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन
फतेह लाइव, रिपोर्टर
साहिबगंज के भोगनाडीह में हुल दिवस के अवसर पर आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज की घटना के विरोध में जनता दल (यूनाइटेड) एसटी मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रकाश कोया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त से मुलाकात कर झारखंड के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने घटना को शर्मनाक और अमर शहीदों के अपमान की संज्ञा देते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 30 जून को हुल दिवस पर सिद्धू-कान्हू के वंशजों और स्थानीय ग्रामीणों को पुलिस द्वारा बर्बरता से पीटा गया, उन पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
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हुल दिवस पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे आदिवासियों पर पुलिसिया दमन, जदयू ने उठाए सवाल
जदयू नेताओं ने इस घटना को झारखंड सरकार के आदिवासी विरोधी रवैये का उदाहरण बताया और कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी समुदाय को लगातार अपमानित और प्रताड़ित कर रही है. ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यह पहली घटना नहीं है—सिरम टोली फ्लाईओवर और अन्य परियोजनाओं के दौरान भी आदिवासियों के साथ क्रूरता की गई है. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई और हेमंत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
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झारखंड सरकार पर जदयू का हमला, कहा- आदिवासियों पर अत्याचार में सबसे आगे
ज्ञापन सौंपने के दौरान जदयू महानगर अध्यक्ष अजय कुमार, नीरज सिंह, अमृता मिश्रा, सविता ठाकुर, सपना तांडी, नंदिनी नाग, महुआ चक्रवर्ती, ममता सिंह, भानु देवी, अर्जुन यादव, विजय सिंह, शंकर कर्मकार, दिलीप प्रजापति, सूरज हेंब्रम, सुलोचना देवी, अनिल गागरे, समारा खाल, लालमोहन समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे. प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी.