ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं एवं सरकार की संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का सतत पर्यवेक्षण इस अभ्यास का उद्देश्य : उपायुक्त

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित लोककल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी सुविधाओं तथा सरकार की सेवाओं की स्थिति जानने के उद्देश्य से सभी प्रखंड एवं नगर निकाय के नोडल पदाधिकारियों ने विभिन्न पंचायतों व वार्डों का निरीक्षण कर योजनाओं का जायजा लिया. प्रत्येक शनिवार को सभी नोडल द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि संबंधित पंचायत एवं नगर निकायों के वार्ड क्षेत्र में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन गुणवत्तापूर्वक हो रहा है तथा लोगों को सरकार की संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सेवायें सुगमतापूर्वक प्राप्त हो रही हैं.

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इसी क्रम में अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद ने पटमदा के कुमीर, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग ने बनमाकड़ी, एसडीओ घाटशिला सुनील चंद्र ने चाकुलिया का कुचियाशोल, उप निर्वाचन पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने पोटका के जुड़ी, डीसीएलआर घाटशिला नीत निखिल सुरीन ने बहरागोड़ा का डोमजुड़ी, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद ने बोड़ाम का माधवपुर पंचायत, कार्यपालक दण्डाधिकारी चंद्रजीत सिंह ने जमशेदपुर सदर के उत्तर सारजामदा, कार्यपालक दण्डाधिकारी अमन कुमार ने मुसाबनी के पूर्वी बादिया, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी ने डुमरिया में बड़ाकांजिया, एसओआर राहुल आनंद ने धालभूमगढ़ का पावड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत तथा जिला पंचायत राज पदाधिकारी रिंकू कुमारी ने जमशेदपुर अक्षेस, जिला परिवहन पदाधिकारी धनंजय ने जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, जन वितरण प्रणाली दुकान, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, मनरेगा की योजना, विद्यालय आदि का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान नोडल पदाधिकारियों ने पंचायत भवनों की कार्यप्रणाली, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधायें और सेवाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियां, विद्यालयों में पठन-पाठन, शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति, परिसर की साफ-सफाई, मनरेगा योजनाओं में अद्यतन प्रगति समेत पीडीएस दुकानों से राशन वितरण की वास्तविक स्थिति को जाना.

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने सभी नोडल पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि निरीक्षण के दौरान मिले कमियों पर समन्वित कार्रवाई करते हुए समयबद्ध रूप से दुरुस्त करें. इसके साथ ही संबंधित प्रखंड और नगर निकाय में पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए. उन्होंने कहा कि यह अभ्यास महज औपचारिकता नहीं रह जाए बल्कि सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का एक ठोस प्रयास हो. विशेषकर आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, पीडीएस दुकान और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सेवाओं की नियमित निगरानी जरूरी है, क्योंकि ये संस्थाएं आम लोगों के जीवन से सीधा जुड़ी होती हैं.

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