फतेह लाइव, रिपोर्टर
चांद-भैरव हूल गांवता मंगलवार को ग्राम सभा स्थापना दिवस, हूल चौक दामुडीह-भुटका सीमा पर स्थित चांद-भैरव स्टैचू के समक्ष मनाया. हूल गांवता संस्थापक सदस्य भुगलू टुडू ने बैठक की अध्यक्षता किया एवं संरक्षक सुधीर सोरेन ने उपस्थित सदस्यों को अपने संबोधन में PESA Act – 1996 के विषय में जानकारी दी. पेसा अधिनियम अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को विशेष अधिकार देता है. खासकर प्राकृतिक संसाधनों (जल, जंगल, जमीन) की रक्षा के लिए. इस अधिनियम के पीछे मुख्य उद्देश्य ग्राम सभा की सक्रिय भागीदारी से आदिवासी-मुलवासी आबादी को शोषण से बचाने के लिए. 24 दिसंबर 1996 को भारत का संविधान की 73वां संशोधन कर संविधान में Pesa Act 1996 को शामिल किया गया.
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आर्टिकल – 244 (1), भाग – IX, (A) में उल्लिखित शक्ति के तहत किसी भी ग्राम सभा क्षेत्र में सरकारी या गैर सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित हेतु ग्राम सभा से अनुमति लेना अनिवार्य है. आने वाले दिनों में बहुत जल्द हूल गांवता पेसा एक्ट -1996/ ग्राम सभा के संदर्भ में एक कार्यशाला आयोजित कर ग्राम सभा की शक्ति कानून प्रावधानों के विषय में ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया, ताकि जल, जंगल, जमीन को बचाया जा सके. कार्यक्रम में उपस्थित माझी बाबा सुशांत हेंब्रम, भुगलू टुडू, विधा सागर दास, सुधीर सोरेन, रमेश सोरेन, दुखू मारडी, छुटू कालिंदी, सोमेन भकत, उमा मंडल, शिबू सोरेन, बादल हेंब्रम, सुना राम हांसदा, बैध नाथ टुडू, भादो मारडी, मनिक मारडी, मदन सरदार, सुसेन मारडी, धोरोम मुर्मू आदि शामिल थे.