चुनाव आयोग की भूमिका संदेहास्पद, कोर्ट जाने का निर्णय

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

आज AISMJWA के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया का नामांकन रद्द कर दिया है जो पूरे झारखंड के पत्रकारों और एक अल्पसंख्यक समुदाय के साथ साजिश है. भाटिया को जमशेदपुर में आंदोलकारी पत्रकार और समाजसेवी के रूप में जाना जाता है.

आज प्रीतम भाटिया को उनके नामांकन में मामूली गलती का बहाना बनाकर उनके नामांकन को‌ रद्द कर दिया गया है इस साज़िश का पूरे झारखंड के पत्रकार निंदा करते हैं और चुनाव आयोग की भर्त्सना करते हैं.

उक्त बातें ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के झारखंड प्रदेश महासचिव प्रविंद पांडेय ने एक बयान जारी कर कहीं हैं. उन्होने कहा कि सभी जानते हैं कि प्रीतम भाटिया अगर चुनाव जीतकर विधानसभा जाते तो पत्रकारों और विशेषकर सिखों जाति प्रमाण पत्र न देने का मुद्दा जोरदार तरीके से रखते. पूर्वी जमशेदपुर में सिखों की आबादी को नजरंदाज करने पर श्री भाटिया ने दिल्ली तक आवाज उठाई थी. पांडेय ने कहा कि इस मामले को लेकर ऐसोसिएशन चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन पदाधिकारी के खिलाफ न्यायालय का सहारा लेगा.

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