- जैक में पंजीकृत छात्रों को 12वीं पढ़ने से रोकना अन्यायपूर्ण, सरकार तत्काल राजभवन से करे संवाद: सरयू राय
- जैक में पंजीकृत छात्रों को मिले राहत, नहीं तो हजारों छात्र होंगे प्रभावित
- असफल 11वीं छात्रों के लिए भी हो वैकल्पिक व्यवस्था
- बैठक में बनी सहमति, राज्य सरकार भेजेगी राजभवन को संशोधन प्रस्ताव
फतेह लाइव, रिपोर्टर
राजभवन द्वारा जारी निर्देश में इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई को विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों से हटाने के फैसले के बाद हजारों विद्यार्थियों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. इस निर्देश के मुताबिक महाविद्यालयों में अब 12वीं कक्षा की पढ़ाई नहीं होगी, जिससे वे छात्र-छात्राएं जो जैक बोर्ड में पूर्व से पंजीकृत हैं, उनकी पढ़ाई और परीक्षा दोनों ही अधर में लटक जाएंगी. इस गंभीर मुद्दे पर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने तत्काल पहल करते हुए सोमवार को एक आपात बैठक बिष्टुपुर स्थित कार्यालय में बुलाई, जिसमें शहर के प्रमुख अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्य, इंटर इंचार्ज और शिक्षक शामिल हुए. बैठक का मकसद था – इस निर्देश के प्रभावों को समझना और राज्य सरकार से इसमें आवश्यक संशोधन की मांग को आगे बढ़ाना.
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इंटरमीडिएट पढ़ाई पर संकट, सरयू राय ने बुलाई आपात बैठक
बैठक में सभी प्राचार्यों ने एकमत होकर कहा कि ऐसे समय में जब 12वीं के छात्रों का फार्म भरने का समय नजदीक आ रहा है, उन्हें बीच सत्र में पढ़ाई से वंचित करना छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि जो छात्र वर्तमान में किसी महाविद्यालय में नामांकित हैं, उन्हें वहीं से पढ़ाई पूरी करने की अनुमति दी जाए. साथ ही, जो छात्र 11वीं की परीक्षा में फेल हो चुके हैं, उनके लिए विशेष पुनः प्रवेश या अवसर की व्यवस्था होनी चाहिए. बैठक में यह मांग की गई कि राज्य सरकार स्वयं राज्यपाल को आग्रह पत्र भेजे और यह अनुरोध करे कि 12वीं की पढ़ाई से संबंधित छात्रों को राजभवन के परिपत्र से मुक्त रखा जाए.
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छात्र हित में महाविद्यालयों में 12वीं की पढ़ाई चालू रखने की मांग
बैठक के दौरान सरयू राय ने शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, मंत्री दीपिका पांडे सिंह, उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार, स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह और राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी से फोन पर संपर्क कर इस समस्या पर चर्चा की. सभी अधिकारियों ने सरयू राय की चिंता को गंभीरता से लिया और सहमति जताई कि राज्य सरकार को राजभवन से औपचारिक संशोधन की मांग करनी चाहिए. अधिकारियों ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया जाए कि वे 12वीं के छात्रों का परीक्षा फॉर्म जैक बोर्ड में भरवाएं और उन्हे यथास्थान पढ़ाई पूरी करने दी जाए.
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सरयू राय ने वरिष्ठ अधिकारियों से की बात, समाधान की खुली संभावनाएं
बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार शीघ्र पहल करती है तो विद्यार्थियों का वर्तमान शैक्षणिक सत्र सुरक्षित रहेगा और इस संकट से निपटा जा सकेगा. नई शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे बदलावों को लागू करने से पूर्व संक्रमणकालीन छात्रों को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए. बैठक में डॉ. अमर सिंह, डॉ. एस पी महालिक, डॉ. वीणा प्रियदर्शिनी, डॉ. छगन अग्रवाल, डॉ. विजय कुमार पीयूष, डॉ. अर्चना सिन्हा, डॉ. सुशांत कुमार, प्रो. प्रतिभा रानी मिश्रा, नीतीश कुमार, डॉ. अरुंधति डे, एस पी सिंह और पवन कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ शिक्षाविद एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में आशा व्यक्त की गई कि राज्य सरकार सकारात्मक कदम उठाकर इस जटिल स्थिति का समाधान करेगी.