फतेह लाइव, रिपोर्टर

विश्व अहिंसा नगरी गिरिडीह में वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’ को चरितार्थ करती पार्श्वनाथ महोत्सव का 7वां वार्षिक आयोजन गिरिडीह में हर्षोल्लास के साथ 31 दिसम्बर को साइंस वर्ल्ड सभागार में पीआईयू ट्रस्ट के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ मंजू कुमारी, विधायक जमुआ विधानसभा, अति विशिष्ट अतिथि एसडीओ सुभाशीष, विशिष्ट अतिथि उदय शंकर उपाध्याय व रविंद्र विद्यार्थी निदेशक साइंस वर्ल्ड, सुरेश वर्मा (संस्थापक पीआईयू ट्रस्ट) आदि की गरिमामयी उपस्तिथि रही. इसी के साथ-साथ गिरिडीह व अन्य जिलों के कवि-कवयित्री भी शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती एवं शिव के स्तुति के साथ की गयी. मंच संचालन ओज कवि विशाल पंडित के बेहतरीन अंदाज में किया गया. इस महोत्सव के साथ ही विश्व सनातन विश्वविद्यालय निर्माण आंदोलन की मशाल भी जलाई गयी. सभी ने इसका जोरदार समर्थन किया. उन्होंने बताया कि इस महोत्सव के जरिये एक नये युग का सूत्रपात किया जा रहा है. डॉ. सुरेश वर्मा ने विश्वविद्यालय निर्माण विकास हेतु सबको एकजुट होने को संकल्पित किया.

इसे भी पढ़ें : Potka : भागवत कथा के अंतिम दिन बाणासुर, सुदामा चरित्र व होली मोहत्सव का हुआ वर्णन

मुख्य अतिथि डॉ मंजू कुमारी ने भी इस महोत्सव के अनवरत योगदान की सराहना की. डॉ मंजू कुमारी ने पार्श्वनाथ महोत्सव के 28 जनवरी 2018 के झंडा मैदान में प्रथम आयोजन में भी उपस्थित थीं. गिरिडीह में एक विश्व विद्यालय निर्माण हेतु 2016 में सूत्रधार बनने व संकल्पना व इसके संघर्ष हेतु सभी ने ट्रस्ट अध्यक्ष दिनेश्वर वर्मा व सुरेश वर्मा का आभार व्यक्त किया. जिसकी परिणति के रूप में गिरिडीह में एक विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है. इस आंदोलन को याद करते हुए संस्थापक ने कहा की 04 जनवरी 2020 को तत्कालीन विधायक व वर्तमान मंत्री गिरिडीह सुदिब्य कुमार सोनू को लिखित पत्र भी ट्रस्ट ने सौंपा था. विश्वविद्यालय निर्माण आंदोलन के इस ऐतिहासिक पहल का सभी आगंतुकों ने हृदय से स्वागत किया. इस कार्यक्रम में धनबाद से पूर्णिमा सुमन, गिरिडीह से उदय शंकर उपाध्याय, कवि नेतलाल यादव, अनंत ज्ञान, विशाल पंडित, प्रदीप गुप्ता, हरी प्रसाद सिंह, रवि विद्यार्थी, सुरेश वर्मा, अजय इत्यादि ने काव्यांजलि की प्रस्तुति दी.

इसे भी पढ़ें : Giridih : फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को चूना लगाने वाले चार शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार

पूर्णिमा सुमन ने अपनी गायकी से सभी को मंत्र मुग्ध कर वातावरण प्रेम मय कर दिया. शामिल हुए साहित्यकारों को पार्श्व साहित्य सम्मान, स्मृति चिन्ह इत्यादि प्रदान किया गया. सुरेश वर्मा की रचना तुम रोये थे या बापू रोई थी माँ भारती सुनाकर सबका ध्यान बिभाजन पर आकृष्ट किया. वरिष्ठ साहित्कार उदय शंकर उपाध्याय ने ट्रस्ट की 7 सालों की गिरिडीह में एक विश्वविद्यालय निर्माण आंदोलन की भूमिका को याद किया और महोत्सव के आयोजन हेतु डॉ सुरेश व ट्रस्ट अध्यक्ष दिनेश्वर वर्मा को धन्यवाद दिया. इस ट्रस्ट द्वारा दर्जनों प्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं. कार्यक्रम के अंत में विशाल पंडित ने इस महोत्सव के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया. सभी साहित्यकारों व अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए महोत्सव के समापन की घोषणा की गई.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version