सरकारी भूखंड के साथ साथ ग्रामीणों की प्यास बुझाने की स्त्रोत को भी सांठ-गांठ से किया जा रहा समाप्त
Charanjeet singh.
जमशेदपुर।
जहां एक तरफ प्रचंड गर्मी से ग्रामीण क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. वहीं दूसरी ओर अब सरकारी भूमि के साथ-साथ सरकारी तलाब पर भी भू-माफिया की नजर गढ़ गई है. वह तालाब को मिट्टी फिलिंग कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं. अधिकारियों से उनकी ऐसी सांठ गांठ हो चुकी है कि किसी प्रकार कि कार्रवाई का भी उनमें खौफ नहीं है.
ताजा मामला बागबेड़ा थाना अंतर्गत हरहरगुड्डू बड़ा तलाब के पास का ही है. हालांकि इस अतिक्रमण को लेकर सीओ और उपायुक्त को लिखित तौर पर अवगत कराया गया था. उसके बाद कुछ दिन के लिए स्थानीय अधिकारियों के इशारे पर काम रोक दिया गया, लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो गई. अंचल के अधिकारियों से सवाल पूछे जाने पर वह खानापूर्ति कर लीपापोती करने का काम कर रहे हैं.
डीसी से शिकायत हुई तो कुछ दिन रोका गया काम
वहीं पूर्व में उपायुक्त द्वारा दिए गए निर्देश के बाद कुछ दिनों के लिए काम प्रभावित हुआ था, फिर दोबारा और निर्माण कार्य काफी तेजी गति से शुरू कर दिया गया. क्षेत्र के आसपास तलाब होने के कारण पानी की इतनी विकट परिस्थिति नहीं होती थी, परंतु अब लगभग 4 से 5 पंचायतों में पानी की विकट परिस्थिति उत्पन्न हो रही है. खासकर के सरकारी भूमि के साथ-साथ तालाबों को भी भू-माफिया धड़ल्ले से मट्टी फीलिंग कर बेच रहे हैं. हरहरगुट्टू बड़ा तालाब के पास कुसुम घाट तलाब को मिट्टी फीलिंग कर आसपास के लगभग कई एकड़ भूमि पर भू माफियाओं कब्जा कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं.
वहीं मामले में जिला प्रशासन मौन धारण कर बैठे हुए हैं, जो लोगों को पच नहीं रहा है और ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. पिछले दिनों कोल्हान आयुक्त ने खुद एक बैठक की समीक्षा में पाया था कि खासमहल में डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्ज़ा है लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से भू -माफिया और दलालों का मन और बढ़ते जा रहा है.