फतेह लाइव, रिपोर्टर.

















मतदान के दौरान माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका की जानकारी देने के लिए XLRI सभागार में प्रशिक्षण आयोजित किया गया. प्रशिक्षण में विशेष रूप से जिला निर्वाचन पदाधिकारी अनन्य मित्तल, उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, पीडी आईटीडीए दीपांकर चौधरी शामिल हुए. एडीएम(एसओआर) सह राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक महेन्द्र कुमार एवं जिले के मास्टर ट्रेनर द्वारा माइक्रो ऑब्जर्वर को प्रशिक्षण दिया गया. माइक्रो ऑब्जर्वर को बताया गया कि मतदान तिथि के एक दिन पूर्व माइक्रो ऑबजर्वर को डिस्पैच सेन्टर पहुँचना है, जहाँ से उन्हें मतदान टीम के साथ मतदान केन्द्र जाना होगा तथा मतदान की समाप्ति के बाद उन्हें मतदान टीम के साथ रिसिविंग सेन्टर लौटना है. माइक्रो ऑब्जर्वर को बताया गया कि सामान्य प्रेक्षक के स्तर से आपके प्रत्येक कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे. अपना रिर्पोट केवल ऑब्जर्वर को सौंपना है.
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सभी क्रिटिकल बूथों पर होगी माइक्रो ऑब्जर्वर की प्रतिनियुक्ति
माइक्रो ऑब्जर्वर ससमय मतदान केन्द्र पहुंचकर मतदान केन्द्र की तैयारी, मॉक पोल का निरीक्षण, मतदान अभिकर्त्ता की उपस्थिति, अमिट स्याही, मतदाता रजिस्टर, मतदान केन्द्र पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता आदि का निरीक्षण करना सुनिश्चित करेंगे. मतदान समाप्ति के बाद माइक्रो ऑब्जर्वर अपना रिर्पोट निर्धारित प्रपत्र में रिसिविंग सेंटर में सौपेंगे. प्रपत्रों को सही-सही भरने के बारे में भी बताया गया. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन प्रक्रिया में माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए बहुत ही संवेदनशीलता एवं गंभीरतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा. उन्होंने बताया कि सभी माइक्रो ऑब्जर्वर की प्रतिनियुक्ति क्रिटिकल बूथों पर की जानी है. ऐसे में बिना किसी संशय से अपनी जिम्मेदारियों का गम्भीरता से निर्वहन करें एवं प्रशिक्षण का लाभ लेते हुए अपने शंकाओं का समाधान प्राप्त करें.
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मतदान केन्द्र की संपूर्ण जिम्मेदारी माइक्रो ऑब्जर्वर की होगी
किसी प्रकार की शंका हो तो अपने उच्च अधिकारी से जानकारी लेकर समाधान अवश्य कर लें. उप विकास आयुक्त ने कहा कि संबंधित मतदान केन्द्र की संपूर्ण जिम्मेदारी माइक्रो ऑब्जर्वर की होगी. निर्वाचन कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवधान आता हो तो तत्काल जिले के वरीय पदाधिकारियों तथा जिला कन्ट्रोल रूम में सूचना देंगे. उन्होंने विभिन्न बिंदुओं में दी जाने वाली फीडबैक रिपोर्ट से अवगत कराया. साथ ही विभिन्न प्रपत्रों की उपयोगिता बताकर संधारित करने के संबंध में जानकारी दी. प्रशिक्षण में माइक्रो आर्जवरों को मतदान स्थल पर तैयारी, ईवीएम, बैलेट यूनिट, मतदान दल के पीठासीन अधिकारी एवं अन्य मतदान अधिकारियों के कार्य, मतदाता पर्ची, मतपत्र लेखा तथा मॉक पोल, वीवीपैट में कम से कम 50 वोट मॉक पोल कराने की कार्यवाही के पश्चात सीआरसी, सीलिंग की कार्यवाही आदि प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया गया एवं उनके शंकाओं का समाधान भी किया गया.