- जमशेदपुर प्रभात खबर के शिक्षा रिपोर्टर संदीप सावर्ण ने वाटसएप ग्रुप पर उठाये गंभीर सवाल, छुट्टी पर गये
- शिक्षा बीट को मेल चलाकर तीन रिपोर्टरों में बांटा, कॉरपोर्रेट व प्रशासन की किसी को घोषित जिम्मेदारी नहीं
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
‘अखबार नहीं आंदोलन’ के टैगलाइन वाला प्रभात खबर एक बार फिर से झारखंड से लेकर बिहार तक मीडिया कर्मियों के बीच चर्चा में है. इस बार यह चर्चा जमशेदपुर में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट से बाईलाइन हटवा देने के उस विशेषाधिकार को लेकर है जिस पर शिक्षा संवाददाता ने संपादकीय प्रभारी से लेकर तमाम वरिष्ठों को कटघरे में खड़ा किया है. बात यही तक नहीं ठहरी, रिपोर्टिंग के वाट्सएप ग्रुप में अपनी नाराजगी दर्ज कराते हुए शिक्षा संवाददाता संदीप सावर्ण अचानक छुट्टी पर चले गये हैं. सहयोगी उनके इस व्यवहार को विरोध के रूप में देख रहे. शिक्षा संवाददाता के इस विरोध की चर्चा जमशेदपुर मीडियाकर्मियों के बीच हो रही है.
छह के जाने के बाद संदीप सावर्ण अगला निशाना तो नहीं !
दरअसल, जमशेदपुर प्रभात खबर में शहर वाले भैया जी के संपादक बनकर आने के बाद प्रताड़ना का जो दौर शुरू हुआ वह छह लोगों के प्रतिभा पलायन तक पहुंचा. जो अपने आप चले गये, इज्जत की जिंदगी जीने का प्रयास कर रहे, जिन्होंने विरोध किया उन्हें साजिश रचकर कलंकित करने का प्रयास किया गया. संपादकीय के लोगों का कहना है कि भैया जी शागिर्दों के साथ मिलकर नए-नए हथकंडे अपनाते रहते है. संदीप सावर्ण पर पहले भी निशाना लगाया गया था. उनका कद छोटा करने के लिए उनसे विभाग वापस लिये गये. उन्हें खबरों को लेकर लगातार निशाने पर लिया गया. फिर डेस्क से सनम सिंह को बतौर रिपोर्टर उनके समकक्ष उतार दिया गया. हालांकि उनका यह खेल उनके ही एक वरिष्ठ साथी ने बिगाड़ दिया और सनम सिंह मामले को समझकर इससे अलग हो गये. तब भैया जी की योजना धरी की धरी रह गयी थी.
दरअसल, शहर वाले भैया जी के यहां आने के बाद सभी रिपोर्टर बीट के प्रमुख लोगों से उन्हें मिलवाने और शॉल भेंट कराने की प्रतिस्पर्धा में लग गये थे. अलग-अलग यूनिवर्सिटी के कैंपस में उनका सम्मान भी कराया गया. हालांकि कुछ घटनाओं के बीच अचानक शिक्षा संवाददाता के बीट से एक कॉलेज और एक यूनिवर्सिटी लेकर पहले दूसरे संवाददाता को दे दिया गया. जब शिक्षा संवाददाता पर इसका असर नहीं हुआ तो बकायदा मेल जारी कर शिक्षा बीट को तीन रिपोर्टरों में बांट दिया गया. संदीप को स्कूली शिक्षा दी गई जबकि बाकी दो रिपोर्टरों को उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी गयी. हालांकि एक तरफ भैया जी की अपेक्षाओं का बोझ तो दूसरी ओर प्रमुख संवाददाता को संतुष्ट करने का दबाव डेस्क से आये सनम सिंह नहीं झेल सके और खेल से खुद को अलग कर लिया था.
कॉरपोरेट और प्रशासन अब भी आधिकारिक तौर पर किसी के पास नहीं
जमशेदपुर प्रभात खबर में शिक्षा बीट को तीन हिस्सों में बाकायदा मेल भेजकर जिम्मेदारी तय की गयी लेकिन विकास श्रीवास्तव के छोड़ने के बाद कॉरपोरेट तथा ब्रजेश मिश्रा के छोड़ने के बाद प्रशासन जैसे अहम बीट के लिए घोषित रूप से किसी को जिम्मेदारी नहीं दी गयी. दोनों बीट पर भैया जी के चहेते अघोषित रूप से काम कर रहे हैं.
प्राइवेट यूनिवर्सिटी की खबर बनाने पर लगा दी गई है रोक
बताया जाता है कि संदीप सावर्ण पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी की खबर बनाने पर घोषित रूप से रोक लगा दी गई है. भैया जी के मौखिक निर्देश पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी की खबर बनाने से पहले विज्ञापन विभाग के बामदेव से अप्रूवल लेना होगा. इसके बाद विज्ञापन के मैनेजर की सहमति लेनी होगी. इसके बाद एनई और सीनियर एनई से पास कराकर बात उनके संज्ञान में लायी जायेगी. तब इसे कोलकाता से आये संजय प्रसाद के पास भेजा जायेगा. संजय अगर उसे संदीप को फॉरवर्ड करते हैं तो फिर संबंधित प्राइवेट यूनिवर्सिटी की खबर बनेगी.
हमारा प्रयास सच को सामने लाना मात्र हैं. सभी प्रतिक्रियाओं का स्वागत करते हैं ताकि हर पक्ष की बात सामने आ सके और हमारे सजग पाठक हर पक्ष की स्थिति से वाकिफ हो सके और किसी को यह न लगे कि उसकी बात या उसका पक्ष सुना नहीं जा रहा है. अपना पक्ष या अपनी प्रतिक्रिया इस मेल आईडी – fatehnewslive@gmail.com अथवा वाट्सएप नंबर +91 92340 51616 पर भेजें.