- बाबूलाल ने शराब घोटाले में सीबीआई जांच की मांग की
- फर्जी दस्तावेजों के जरिए जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की साजिश की जा रही है
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने चाकुलिया प्रखंड में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले को एक सुनियोजित साजिश करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और रणनीतिक योजना का हिस्सा है. मरांडी ने कहा कि ऐसे मामलों में मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी वही लोग उठा रहे हैं, जो असल में उस क्षेत्र के निवासी नहीं हैं. इसके साथ ही, उन्होंने चाकुलिया के बालीजुड़ी पंचायत का उदाहरण दिया, जो आदिवासी बहुल है, और वहां मुस्लिम महिला को मैया सम्मान योजना का लाभ दिया गया, जबकि इस पंचायत में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है. यह इस बात का संकेत है कि कुछ लोगों द्वारा योजनाओं का गलत तरीके से लाभ उठाया जा रहा है.
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फर्जी दस्तावेज़ों और अवैध घुसपैठ की साजिश पर बाबूलाल मरांडी ने उठाए सवाल
बाबूलाल मरांडी ने 1951, 1991 और 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि इन आँकड़ों से साफ़ झलकता है कि झारखंड में विशेष रूप से एक धर्म विशेष की आबादी को बढ़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ों और अवैध घुसपैठ के जरिए जनसंख्या संतुलन में बदलाव किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश और अन्य देशों से अवैध घुसपैठी झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं, जो राज्य के जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ रहे हैं. मरांडी ने यह भी चिंता जताई कि केंद्र सरकार ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए राज्यों को निर्देश दिए थे, लेकिन झारखंड सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
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अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के मुद्दे पर बाबूलाल की गंभीर चेतावनी
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शासन में भ्रष्टाचार में वृद्धि होने की बात भी बाबूलाल मरांडी ने उठाई. उन्होंने कहा कि राज्य में शराब घोटाले के मामले में सीबीआई जांच की आंच मुख्यमंत्री तक पहुँच सकती है, इसलिए राज्य सरकार ने मामले को छुपाने के लिए एसीबी को आगे कर दिया. मरांडी ने यह आरोप भी लगाया कि 2022 में शराब दुकानों के ठेके देने में भी अनियमितताएँ हुईं, और चार कंपनियों को अनुचित लाभ दिया गया. इसके बाद छत्तीसगढ़ में घोटाले का पर्दाफाश होने पर झारखंड में भी एफआईआर दर्ज की गई. बाबूलाल मरांडी ने यह कहा कि राज्य सरकार ने इसे बचाने के लिए एसीबी को पहले ही सक्रिय कर दिया, ताकि सीबीआई जांच से बचा जा सके.
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शराब घोटाले में झारखंड सरकार की भूमिका पर उठाए गंभीर सवाल
मरांडी ने कहा कि इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए ईडी की जांच में दो सीओ गवाह बने थे, और इसके बाद झारखंड सरकार ने उन पर दबाव बनाने के लिए उनके घर छापेमारी की. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बिना किसी ठोस कदम के अब अचानक गिरफ़्तारी कर यह साबित करने का प्रयास किया है कि वे इस भ्रष्टाचार से बचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. बाबूलाल मरांडी ने इस साजिश को और भी गंभीर बताते हुए राज्य के समग्र प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य में कोई स्थायी डीजीपी नहीं हैं, और न ही एसीबी के डीजी के पास वैध कार्यकाल है, जिससे पूरे राज्य में असंवैधानिक स्थिति उत्पन्न हो गई है.
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राज्य में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असंवैधानिकता पर बाबूलाल मरांडी ने जताई चिंता
बाबूलाल मरांडी ने राज्य के कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल की भी आलोचना की और कहा कि यह राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवा के प्रति लापरवाही को उजागर करता है. उन्होंने मांग की कि झारखंड सरकार इस स्थिति का तत्काल संज्ञान ले और उच्च स्तरीय न्यायिक समिति गठित कर पूरे मामले की गहराई से जांच कराए. मरांडी ने यह भी कहा कि इस घोटाले और भ्रष्टाचार से संबंधित दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए और राज्य के हित में उचित निर्णय लिया जाना चाहिए.