- समय कंस्ट्रक्शन के निदेशक पद से हटाने का निर्णय गैर कानूनी, राजेश सिंह ने 50 करोड़ का दावा किया
फतेह लाइव, रिपोर्टर
समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से हटाए जाने के निर्णय के बाद कंपनी के डायरेक्टर राजेश सिंह और भारती सिंह ने इसे अवैध करार दिया और इसके खिलाफ न्यायालय का रुख किया है. दोनों ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर यह दावा किया कि उन्हें जानबूझकर उनके प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इस निर्णय पर पहुँचाया गया है. राजेश सिंह ने कहा कि पिछले 32 वर्षों से उन्होंने और भारती सिंह ने समय कंस्ट्रक्शन को अपनी मेहनत से सींचा है और बिना उनके सहमति के निदेशक पद से हटाना पूरी तरह से गैर कानूनी है. दोनों ने यह भी दावा किया कि कंपनी में वित्तीय हेरा फेरी के कारण उन्हें पद से हटाया गया और इसके खिलाफ वे न्यायालय में याचिका दायर करेंगे.
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राजेश सिंह का आरोप : कंपनी में हेरा-फेरी के कारण हुआ विवाद
राजेश सिंह ने आगे बताया कि कंपनी के बैंकर एक्सिस बैंक लिमिटेड को उन्होंने पहले ही सूचित किया था कि बैंक के किसी भी व्यवसाय में केवल दो निदेशकों की बजाय चार निदेशकों के हस्ताक्षर के बाद ही कोई काम किया जाए। लेकिन उनका निवेदन भी स्वीकार नहीं किया गया. इसके बाद जब उन्होंने कंपनी के वित्तीय लेन-देन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट जांच की मांग की, तो उन्हें और भारती सिंह को बगैर किसी सूचना के निदेशक पद से हटाए जाने की साजिश रची गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्णय के पीछे कंपनी के कुछ निदेशकों का उद्देश्य उन्हें और भारती सिंह को हटाकर अपने फायदे के लिए स्थिति का फायदा उठाना था.
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निदेशक पद से हटाने का मामला एनसीएलटी में लंबित
राजेश सिंह ने कहा कि समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक वे अब भी हैं और इस मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में लंबित रखा गया है. उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले पूरी तरह से विवेकपूर्ण निर्णय लें, ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी या हानि न हो। राजेश सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक यह कानूनी लड़ाई जारी रहेगी, तब तक इसका असर कंपनी के प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में केवल निदेशक को हटाने का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से कॉरपोरेट गवर्नेंस, पारदर्शिता और न्याय का मुद्दा है.
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8 साल से जारी था विवाद, राजेश सिंह ने जीवन भर संघर्ष करने का किया संकल्प
राजेश सिंह और भारती सिंह ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए सामाजिक और कॉरपोरेट जगत से लगातार प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन जब उन्होंने कंपनी में हो रही वित्तीय हेरा-फेरी को उजागर किया, तब उन्हें इस तरह का बर्ताव किया गया. राजेश सिंह ने कहा कि वे इस लड़ाई को जीवनभर लड़ने का संकल्प लेते हैं और कंपनी की साख को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. 28 फरवरी को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में बिना राजेश सिंह और भारती सिंह को सूचित किए, दोनों को निदेशक पद से हटा दिया गया, जिसके बाद इस मामले ने और गंभीर रूप ले लिया. इस घटना से सवाल उठता है कि क्या रियल एस्टेट जगत में इस तरह के अवैध निर्णयों को स्वीकार किया जाएगा और क्या इससे निवेशकों को नुकसान होगा.