फतेह लाइव, रिपोर्टर.

बारीडीह गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह को चुनावी प्रक्रिया का दिखावा करने की बजाय सीधे सरदार अवतार सिंह सोखी को प्रधान बना देने की सलाह दी है। कुलविंदर सिंह के अनुसार पहले दिन से ही वे सोखी के समर्थन में थे। कुलदीप सिंह ने खुद को प्रधान घोषित किया तो बेचैन हो गए और फटाफट आमसभा बुला ली और चुनावी प्रक्रिया पूरी करने का दंभ भर रहे हैं। आज सत्ता और सरकार उनके साथ है परंतु हर दिन ऐसी स्थिति नहीं रहती है। वे सत्ता के नशे में चूर है और मनमानी कर रहे हैं।

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कुलविंदर सिंह के अनुसार उनका कार्यकाल 2025 तक है और उन्होंने माना भी है। यदि वे अवतार सिंह सोखी और कुलदीप सिंह गिल के कदम को गलत मानते थे तो बारीडीह में संगत के समक्ष उन दोनों को उम्मीदवार क्यों मान लिया। जबकि नियम तोड़ने वाले के खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए थी इन दोनों को प्रत्याशी मान उन्होंने पुरस्कृत कर दिया।

वास्तव में भगवान सिंह कमेटी गठन के पहले दिन से ही मेरे खिलाफ नाराज है क्योंकि सरदार शैलेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तावित ऑडिटर के नाम का विरोध किया था। उनकी आंख का किरकिरी बन गया था इसीलिए तो दिसंबर 2022 को मैं कोलकाता में था तो वह पूरे दलबल के साथ बारीडीह गुरुद्वारा पहुंच गए थे और मेरे विरोधी धड़े की पीठ थपथपा दी थी। यहां मैं सवाल उठाता हूं कि यदि कोई दो ग्रुप खुद को सीजीपीसी का प्रधान बना लेते हैं तो क्या वह सीजीपीसी को भंग कर चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे। जैसा उन्होंने बारीडीह के मामले में किया है।

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