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जमशेदपुर.
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का शनिवार को दूसरा दिन था. इस दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुवात शुक्रवार को हुई थी. इस सम्मेलन का मुख्य शीर्षक था “सतत विकास के लिए बहुविषयक अनुसंधान और नवाचार”. इस सम्मेलन के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि थे निशांत कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जमशेदपुर और डॉ बिमलेन्दु कुमार रॉय, जिनको गहन ज्ञान और शोध में अनुभव है. इस सम्मेलन की शुरुवात डॉ. किशोर ओझा द्वारा की गई. उन्होंने सरकार द्वारा की जा रही सतत विकास के कार्यो पर प्रकाश डाला और बताया की बिना सरकार के मदद के ये मुश्किल है. उसके बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नागेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया.
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. आचार्य ऋषि रंजन ने बताया की कैसे शोध नए प्रगतिशील विचारों को सामने ला रहा. सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ बिमलेन्दु कुमार रॉय ने ग्लोबल वार्मिंग से कैसे लड़ा जाए इस पर बात की. निशांत कुमार ने बताया की विकास इस तरह का हो की उससे पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुचाये.
सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए शोधार्थियों को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार से नवाज़ा गया. इनमें कानून विभाग से अमित कुमार झा, वाणिज्य कर विभाग से रोचक कुमार, प्रबंधन विभाग से अंकिता मंडल, अंग्रेजी विभाग से सुमन कुमारी, हिंदी विभाग से सकरो मुर्मू, राजनीति विज्ञान विभाग से बसंती कुमारी, इतिहास विभाग से पारोमिता भद्र, आई टी विभाग से एकता झा, भौतिकी विभाग से आशमा फरहीन, शिक्षा विभाग से रानी सिंह, गणित विभाग से नीतू पारीख और प्राणीशास्त्र विभाग से मौसमी घटक को पुरस्कार दिया गया. वहा मौजूद दो शोधार्थियों सकरो मुर्मू और अचल पोद्दार ने सम्मेलन की प्रतिक्रिया को बताया.
उसके बाद डीन अनुसंधान डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने इस सम्मेलन को सफल बनाने वाले संकायों को धन्यवाद दिया और कहा की विश्वविद्यालय फिर इसी तरह के और सम्मेलन करवाता रहेगा. डॉ. शकीबुर रहमान खान, अंग्रेजी विभाग के प्रमुख द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रदान किया गया. इस सम्मेलन में दूसरे दिन के शोध पत्रों को मिलाकर कुल 140 शोधार्थियों ने अपने- अपने शोध पत्र को प्रस्तुत किया. शोध पत्र अलग -अलग संकाय जैसे आर्ट्स, लॉ, कॉमर्स और मैनेजमेंट, साइंस और एजुकेशन से थे. शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गए शोध पत्रों ने सबका ज्ञान वर्धन किया.