फतेह लाइव, रिपोर्टर.
साहित्य के माध्यम से सामाजिक चिंतन की प्रक्रिया गतिशील रहती है और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन संभव हो पता है. साहित्यिक गतिविधियां निरंतर में आयोजित होती रहनी चाहिए, ताकि वैचारिक संवाद में जीवन तथा बनी रहे अलग-अलग भाषाओं का कार्यक्रम मासिक आधार पर और फिर समेकित रूप से वार्षिक कार्यक्रम अगर नियमित पूर्वक आयोजित हो, तो आम जनों से साहित्यकार का संवाद सहज हो जाता है और साथ ही विविध प्रकार के दृष्टिकोण को समझने का अवसर प्राप्त होता है.
यह बातें सरायकेला के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने मिथिला समाज के प्रतिनिधियों के साथ अभिनंदन के क्रम में हुई वार्तालाप के दौरान कही. कोल्हान प्रमंडल के विविध संस्थाओं मिथिला शास्त्री परिषद अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद जमशेदपुर, ललित नारायण मिश्र सामाजिक एवं सांस्कृतिक कल्याण समिति जमशेदपुर, विद्यापति परिषद बागबेड़ा कॉलोनी और मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर आदि के प्रतिनिधिगण साहित्य अकादमी के पूर्व संयोजक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अशोक अविचल के नेतृत्व में राष्ट्रीय साहित्य उत्सव छाप के सफल आयोजन एवं इसमें मैथिली को भी स्थान देने के लिए आभार व्यक्त करने उपायुक्त से मिलने पहुंचे थे.
सरायकेला खरसावां उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने मिथिला में अपने प्रवास अपने उच्च विद्यालय शिक्षा आदि के चर्चा के साथ-साथ यात्री अर्थात नागार्जुन विद्यापति एवं अन्य कई कवियों की मैथिली रचनाओं को स्मरण कर समूह को प्रभावित किया. उन्हें यह भी जानकारी दी गई की मैथिली समाज के माध्यम से यहां चार कैलेंडर प्रतिवर्ष अलग-अलग प्रकाशित की जाती है, जो मिथिला के सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए होती है. साथ ही इसमें वर्ष भर के वार्षिक त्योहार आदि महत्वपूर्ण तिथियों का समावेश भी होता है. उन्हें मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर के द्वारा प्रकाशित कैलेंडर भी प्रदान किया गया. प्रतिनिधियों ने मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग चादर ओढ़ाकर एवं बुके देकर सम्मान किया गया और विश्वास व्यक्त किया कि मैथिली साहित्य मिथिला चित्रकला आदि के विकास के लिए उनके स्तर पर सकारात्मक सहयोग एवं संरक्षण प्राप्त होगा.
अशोक अविचल ने कोल्हान में रहने वाले तीन लाख से अधिक मैथिली भाषाओं की जानकारी एवं विविध संस्थाओं के माध्यम से निरंतर किए जाने वाले सामाजिक सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रमों से उपायुक्त को अवगत कराया. साथ ही उनके सहयोग से सरायकेला जिले में जहां गम्हरिया और आदित्यपुर में लगभग 60000 मैथिली भाषी रहते हैं. साहित्यिक कार्यक्रमों को निरंतर आयोजन करने की दिशा में प्रयास करने की बात कही.
प्रतिनिधिमंडल में मिथिला सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष मोहन ठाकुर पूर्व महासचिव ललन चौधरी, अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के राज्य सचिव पंकज कुमार झा, मिथिला सांस्कृतिक परिषद के अनिल कुमार झा अनिल झा, पंकज कुमार राय, झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार झा, ललित नारायण मिश्र, सामाजिक एवं संस्कृति कल्याण समिति के महासचिव शंकर कुमार पाठक, उपाध्यक्ष सरोज कांत झा, विद्यापति परिषद के महासचिव अखिलेश मिश्र, अवधेश मिश्र, सुरेश कुमार झा, संजीव कुमार झा आदि अन्य कई लोग सम्मिलित थे.