- गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर सुनाया गया निर्णय, वर्ष 2014 के गोमिया कांड में आया फैसला
- अभियोजन पक्ष ने मजबूती से पेश की दलीलें, दोषियों को नहीं मिला राहत
- अपर लोक अभियोजक विजय साहू और अधिवक्ता अरुण सिन्हा ने की प्रभावी बहस
फतेह लाइव, रिपोर्टर
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने एक अहम फैसले में गोमिया थाना क्षेत्र के लोधी पंचायत में हुई हत्या के मामले में आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों में तौहीद अंसारी, राजू उर्फ शराफत, सफदर अंसारी, कुद्दुस अंसारी, कबीर अंसारी, मुख्तार अंसारी, कयूम अंसारी और सगीर अंसारी शामिल हैं. यह मामला वर्ष 2014 में पंचायत समिति सदस्य मो. ऐनुल अंसारी के भतीजे शमशेर अंसारी की हत्या से संबंधित है.
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हत्या में इस्तेमाल हुए फरसा, लोहे की रॉड और चाकू से हमला करने की पुष्टि
20 मई 2014 को गोमिया सामुदायिक अस्पताल में दिए गए बयान के आधार पर यह मामला दर्ज हुआ था. सूचक ऐनुल अंसारी ने बताया कि भतीजे शम्मीउल्लाह के साथ मारपीट की सूचना मिलने पर वे बात करने गए, जहां विवाद बढ़ गया. वाहिद अंसारी ने फरसे से शमशेर अंसारी के सिर पर वार किया, जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा. अन्य आरोपियों ने लाठी, रॉड, चाकू आदि से हमला कर दिया. शमशेर की मौके पर ही मृत्यु हो गई और एक अन्य भतीजा हबीबुल्लाह गंभीर रूप से घायल हो गया.
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हत्या के पीछे पारिवारिक रंजिश, गवाही से खुला साजिश का राज
मामले की जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और फिर यह केस जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी की अदालत में स्थानांतरित हुआ. न्यायालय ने उपलब्ध गवाहों, साक्ष्यों और दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर सभी आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू एवं सूचक के अधिवक्ता अरुण कुमार सिन्हा ने मामले को मजबूती से प्रस्तुत किया. अंततः न्यायालय ने सभी आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.